महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 23 अप्रैल। कांग्रेसजनों ने कोरोना संकटकाल में पूर्व विधायक डॉ विमल चोपड़ा द्वारा की जा रही बयानबाजी पर एक विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि श्री चोपड़ा अपनी ओछी राजनीति से बाज नहीं आ रहे हैं। संसदीय सचिव व विधायक सहित प्रशासन द्वारा सहयोग की अपील को ढकोसला बताने के बयान की निंदा करते हुए कांग्रेसजनों ने कहा कि कोरोना संक्रमण के पूरे संकटकाल में डॉ. चोपड़ा ने फूटी कौड़ी सहयोग नहीं किया। उल्टे राहत सामाग्री के साथ ही आवश्यक संसाधन मुहैया कराने वालों पर सवाल उठा रहे हैं।
जारी प्रेस नोट में कांग्रेस कमेटी के शहर अध्यक्ष खिलावन बघेल, ग्रामीण अध्यक्ष ढेलू निषाद, खिलावन साहू, नेता प्रतिपक्ष राशि महिलांग, संजय शर्मा, पार्षद बबलू हरपाल, गुरमीत चावला, अनवर हुसैन, सुनील चन्द्राकर, जावेद चौहान आदि ने कहा कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण चरम पर है। कोरोना संक्रमण को रोकने शासन.प्रशासन द्वारा हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। संसदीय सचिव व विधायक चंद्राकर सहित जिले के चारों विधायकों ने अपनी निधि से 25-25लाख रुपए देने की घोषणा की है। साथ ही संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने कोरोना मरीजों के बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए खुद के पैसे से दो ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन दान की और दानदाताओं व सामाजिक संगठनों को दान के लिए प्रेरित कर रहे हैं। जरूरतमंदों को राहत सामाग्री भी बांट रहे हैं। यह बात पूर्व विधायक डॉ चोपड़ा को हजम नहीं हो रही है और इसे ढकोसला करार दे रहे हैं।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने भाजपा कार्यकर्ताओं को तो सहयोग करने की बात कहने के साथ ही चालीस और लोगों को सहयोग के लिए प्रेरित करने कहा है। ऐसे में डॉ. चोपड़ा क्या प्रधानमंत्री श्री मोदी की अपील को भी ढकोसला करार देंगे? इस बात का उन्हें जवाब देना चाहिए। जबकि कोरोना संकट काल में संसदीय सचिव श्री चंद्राकर की सक्रियता जनता से छिपी नहीं है। पूर्व में भी श्री चंद्राकर ने अपने एक महीने का वेतन दान किया और राहत सामाग्री बांटने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। इस दौर में 50 हजार रुपए पेंशन लाभ उठाने वाले डॉ.चोपड़ा ने कोरोना संकटकाल के दौरान फूटी कौड़ी का सहयोग नहीं किया।