राजनांदगांव

देहात में पैर पसार रहे कोरोना से हर घर में एक पॉजिटिव
25-Apr-2021 5:08 PM
देहात में पैर पसार रहे कोरोना  से हर घर में एक पॉजिटिव

ज्यादातर गांव की हालत चिंताजनक

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 25 अप्रैल।
अनियंत्रित हो चुके कोरोना ने शहर के बाद देहात इलाकों का रूख कर लिया है। देहात में पैर पसार रहे कोरोना ने ग्रामीणों की दशा और दिशा दोनों को खराब कर दिया है। देहात इलाकों में जहां कोरोना के भय से जनजीवन सिमट गया है। 

वहीं हर घर में कोरोना संक्रमण से कम से कम एक सदस्य बीमार हो गया है। ग्रामीण इलाकों में कोरोना के बढ़ते प्रकोप हालात चिंताजनक होते दिख रहे हैं। गांव-कस्बों में कोरोना के प्रतिकूल असर से हर घर में कम से कम एक व्यक्ति इस वैश्विक महामारी के चपेटे में आ गया है। हालांकि कोरोना के वीभत्स रूप को देखकर भी ग्रामीणों में लापरवाही नजर आ रही है। 

बताया जा रहा है कि कोरोना के नए इम्युनिट ने कम्युनिटी संक्रमण के जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। कम्युनिटी संक्रमण होने की स्थिति में गांवों में अफरा-तफरी मच सकती है। ऐसे हालत में ग्रामीणों को सम्हालना एक कठिन चुनौती हो सकती है। बताया जा रहा है कि गांवों में लक्षण होने के बावजूद लोग टेस्ट कराने से परहेज कर रहे हैं। वहीं दूसरा खतरनाक  हालात यह है कि कोरोना पॉजिटिव घरों में पोस्टर और पाम्प्लेट भी चस्पा नहीं किए जा रहे हैं। शहरी क्षेत्र में काफी हद तक लोगों ने खुद नियम और शर्तों का पालन करने का मन बनाया हुआ है। गांवों में हालात इसके विपरीत है। 

बताया जा रहा है कि राजनांदगांव जिले के ज्यादातर गांवों में कोरोना ने दस्तक दे दिया है। ग्रामीण इलाकों में कोरोना से बचाव के लिए स्वास्थ्य महकमे के पास साधन और संसाधन सीमित हैं। वहीं मैदानी अमला भी सीमित दायरे पर काम कर रहा है। बताया जा रहा है कि पंचायतों के जरिये ग्रामीणों को सतर्क रहने के कई बार सलाह दी जा रही है, लेकिन लोग बेखौफ होकर कोविड-19 की शर्तों का माखौल उड़ा रहा है। इस बीच राजनांदगांव शहर से सटे गांवों में भी स्थिति खराब है। पार्रीकला, सुरगी, सोमनी, भेड़ीकला, गठुला, सुकुलदैहान में भी कोरोना के ढेरों मामले सामने आ रहे हैं। इसके बावजूद कोरोना से निपटने के लिए लोगों में सुरक्षात्मक सोच नहीं दिख रही है। बताया जा रहा है कि गांवों और कस्बों में तेजी से फैलते कोरोना से स्थिति जहां खतरनाक होगी। वहीं संक्रमण और मौत की संख्या में भी बढ़ोत्तरी होने की चेतावनी दी जा रही है। 

इधर ग्रामीण इलाकों में कोरोना के फैलने से स्वास्थ्य महकमा स्थिति को सम्हालने में स्वाभाविक रूप से दबाव में रहेगा। कारण साफ है कि ऑक्सीजन, जांच किट के अलावा अस्पतालों में बिस्तरों की किल्लत है। वर्तमान में स्थिति काफी दयनीय हो चुकी है। अप्रैल के महीने में जिस तरह से 150 से ज्यादा जान गई है, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मई का महीने में कोरोना का कहर किस हद तक होगा।
 

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