रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 26 अपै्रल। कोरोना पीडि़तों की मदद के लिए बनाए गए चेंबर ऑफ कॉमर्स के हेल्प डेस्क को बंद कर दिया गया है। बताया गया कि डेस्क के प्रभारी राहुल महेश्वरी पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते गिरफ्तार किया था। हेल्प डेस्क करने का विरोध भी हो रहा है।
चेंबर के पूर्व पदाधिकारी दीपक बल्लेवार ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में साफ तौर पर कहा कि एक-दो व्यापारियों की वजह से हेल्प डेस्क को बंद किया जाना उचित नहीं है। जिन व्यापारियों पर रेमडेसिविर के कालाबाजारी के आरोप लगे हैं, उन्हें हेल्प डेस्क से अलग कर देना चाहिए था। उनकी जगह किसी दूसरे को प्रभार देना चाहिए।
बल्लेवार ने ये भी कहा कि हेल्प डेस्क बंद होने से जिन जरूरतमंदों को मदद मिल रही थी, वह नहीं मिल पा रही है।
बताया गया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मुख्य सूत्रधार राहुल महेश्वरी हेल्प डेस्क प्रभारी थे। महेश्वरी के साथ पकड़े गए कमलेश भी चेंबर से जुड़े हैं। इन दोनों के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई के बाद चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अमर पारवानी ने हेल्प डेस्क को ही भंग कर दिया है। पुलिस ने रविवार को कुछ 6 लोगों को रेमडेसिविर की कालाबाजारी करते हुए पकड़ा था। उनसे बड़ी मात्रा में रेमडेसिविर और दो लाख रुपये बरामद किए थे।
उल्लेखनीय है कि कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए रेमडेसिविर की काफी डिमांड है। डेढ़ हजार का इंजेक्शन 20 से 25 हजार रुपये में बिक रहा है। प्रशासन ने कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त अभियान शुरू किया है और प्रदेश में कई जगहों पर छापेमारी की है। कई प्रभावशाली लोगों को कालाबाजारी करते हुए गिरफ्तार किया है।