दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बचेली/किरंदुल, 28 अप्रैल। वर्तमान में कोविड 19 का प्रकोप पूरे देश में देखा जा रहा है। इससे दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा का बचेली व किरंदुल नगर में अछूता नहीं है। एनएमडीसी की लौह अयस्क की दो खदानें संचालित हैं। लौह अयस्क खनन आवश्यक खनन की सूची में शामिल है। लॉकडाउन लगा हुआ है, लेकिन एनएमडीसी कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर उत्पादन में योगदान देने ड्यूटी कर रहे हैं। कुछ कर्मियों की मौत भी कोरोना से हो गई है। मेटल माईन्स वर्कर्स यूनियन ने ऑल इंडिया एनएमडीसी वर्कर्स फेडरेशन के महामंत्री एसक्यू जामा को कोरोना संक्रमण से मृत कर्मचारियों के आश्रित परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में पत्र लिखकर इस संवेदनशील मुद्दे पर ठोस कदम निर्णय लेकर आवश्यक कदम उठाने की मांग की है।
एमएमडब्ल्यूयू के किरंदुल शाखा के तदर्थ समिति सचिव एके सिंह एवं बचेली शाखा के आशीष यादव ने बताया कि कोविड 19 संक्रमण की मौजूदा दूसरी लहर से संक्रमण में खतरनाक ढंग से वृद्धि हुई है और एनएमडीसी की विभिन्न परियोजनाओं में संक्रमितों की संख्या में दिन प्रतिदिन इजाफा हो रहा है। पूरे देश में अस्पतालों पर भारी दबाव है और अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, जीवन रक्षक दवा और इंजेक्शन की उपलब्धता पर इसका असर पड़ा है। एनएमडीसी के रेफरल अस्पतालों में भी बेड की उपलब्धता प्रभावित हुई है, जो कि उत्पादन इकाईयों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए चिंता का विषय है।
उल्लेखनीय है कि लौह अयस्क खनन आवश्यक सेवाओं की सूची में शामिल होने की वजह से तमाम विपरीत परिस्थितियों में भी कंपनी के श्रमिकों ने लगातार उत्पादन जारी रख पिछले वित्तीय वर्ष में उत्पादन के कई कीर्तिमान स्थापित किये। इसी दौरान संक्रमण की पहली लहर में कंपनी की विभिन्न परियोजनाओं के सैकड़ों कर्मचारी व उनके परिजन संक्रमित हुए और बचेली में 3 व दौणामलै में 2 कर्मचारियों की मृत्यु हुई। कोविड 19 संक्रमण की मौजूदा लहर में अब तक बचेली परियोजना से एक तथा पन्ना परियोजना में एक की मृत्यु कोरोना से हो चुकी है। इस तरह अब तक कुल 7 कर्मचारियों की मृत्यु कोरोना से हो चुकी है।
पिछले वर्ष इस महामारी की शुरूआत से ही यूनियनों द्वारा कोरोना से मृत कर्मचारियों के आश्रित परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति देने की मंाग की जा रही है, किंतु खेद का विषय है कि आज तक प्रबंधन द्वारा इस विषय में सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया है। प्रबंधन के इस असंवेदनशील और लचर रवैये से श्रमिकों में आक्रोश है और इस संबंध में फेडरेशन के नेतृत्व में आवश्यक कदम उठाये जाने की आवश्यकता है। फेडरेशन के कार्यवाहक अध्यक्ष से चर्चा कर जल्द से जल्द फेडरेशन की वर्चुअल बैठक बुलाई जाए ताकि इस संवेदनशील मुद्दे पर ठोस निर्णय लेकर आवश्यक कदम उठाए जाएं।