राजनांदगांव

नांदगांव वनमंडल में 5 मई के बाद तेंदूपत्ता तोड़ाई
01-May-2021 1:06 PM
नांदगांव वनमंडल में 5 मई के बाद तेंदूपत्ता तोड़ाई

ठेकेदार-श्रमिकों को कोराना नियम का पालन करने हिदायत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 1 मई।
राजनांदगांव वनमंडल में तेन्दूपत्ता तोड़ाई की तैयारी पूरी हो गई है। 84 हजार मानक बोरा तेन्दूपत्ता तोड़ाई का लक्ष्य लेकर 5 मई के बाद तोड़ाई का दौर शुरू होगा। बताया जा रहा है कि वनमंडल के 51 लॉट की नीलामी हो चुकी है। संग्रहण केंद्रों में तेन्दूपत्ता सूखाने और जमा करने के लिए मैदानी अमले को प्रशिक्षित भी किया गया है। वहीं फड मुंशियों को भी विभाग की ओर से तकनीकी जानकारी दी गई है। 

बताया जा रहा है कि तेन्दूपत्ता की गुणवत्ता बीते साल की तुलना में बेहतर है। अनुकूल मौसम होने के कारण पत्तों की गुणवत्ता अब तक बेहतर बनी हुई है। हालांकि प्रदेश के दूसरे जिलों में तेन्दूपत्ता तोड़ाई शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि राजनांदगांव जिले में पत्तों गुणवत्ता मई के दूसरे सप्ताह में अच्छी रहती है। इस कारण अन्य जिलों की तुलना में यहां करीब सप्ताहभर की देरी के बाद ही तोड़ाई शुरू होती है।

बताया जा रहा है कि कोविड-19 की शर्तों के बीच तेन्दूपत्ता की तोड़ाई होगी। दीगर राज्य के ठेकेदारों ने लॉट की नीलामी से मालिकाना हक हासिल किया है। वन अमले की ओर से ठेकेदारों को तोड़ाई के दौरान कोविड-19 के नियम कायदों का सख्त पालन करने का निर्देश दिया गया है। बाहरी राज्यों से आने वाले ठेकेदारों को क्वॉरंटीन भी रखा जाएगा। वहीं तेन्दूपत्ता संग्राहकों पर जमीनी अमले के जरिये नजर रखी जाएगी। स्वस्थ होने की स्थिति में ही तोड़ाई की अनुमति दी जाएगी। बताया जा रहा है कि तेन्दूपत्ता तोड़ाई के लिए वन बाशिंदों में जबर्दस्त उत्साह है। कारण साफ है कि कोरोनाकाल में बंद व्यवसाय दूसरे कार्यों के चलते लोगों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। 

इस संंबंध में डीएफओ श्री गुरूनाथन ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में कहा कि तेन्दूपत्ता की तोड़ाई की तैयारी पूर्ण हो गई है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के पाबंदियां तोड़ाई के दौरान लागू रहेंगी। किसी भी सूरत में शर्तों को तोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि ठेकेदारों की भी कोरोना जांच की जाएगी। उन्हें संक्रमित होने की स्थिति में क्वॉरंटीन रखा जाएगा। इस बीच ‘हरा सोना’ तेन्दूपत्ता की तोड़ाई से वन विभाग के जरिये राज्य सरकार को मोटा राजस्व मिलने की उम्मीद है। नक्सलग्रस्त फड़ों में तेन्दूपत्ता तोड़ाई के दौरान माओवादियों के उपद्रव की आशंका नहीं है। बताया जा रहा है कि तेन्दूपत्ता तोड़ाई से वन क्षेत्रों में बसे ग्रामीणों के लिए कमाई का रास्ता खुलता है। ऐसी स्थिति में नक्सली किसी भी तरह से विरोध करेंगे, इस बात की संभावना कम है। बहरहाल 5 मई के बाद तेन्दूपत्ता तोड़ाई शुरू होते ही संग्राहकों को अच्छा मेहनताना मिलेगा।

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