कोरिया

मजदूर दिवस पर मजदूरों के हाथ खाली
01-May-2021 6:35 PM
मजदूर दिवस पर मजदूरों के हाथ खाली

कंटेनमेंट जोन के कारण मजदूरी लेने पर बैन

1 मई मजदूर दिवस

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 1 मई।
आज मजदूर दिवस है, परन्तु मजदूरों के हाथ खाली है, उन्हें कोरोना महामारी के डर से प्रशासन ने उनकी खाते में आए मजदूरी लेने से रोक रखा है, जबकि केन्द्र सरकार के मनरेगा की वेबसाइट बताती है, कि बीते वर्ष 2020-21 में मजदूरों की मजदूरी 1 करोड़ 18 लाख 60 हजार बकाया है, जबकि चालू वर्ष 2021-22 में 27 लाख 54 हजार की मजदूरी बकाया है।  कंटेनमेंट जोन ने उनके अपनी मजदूरी लेने पर बैन लगा रखा है, कलेक्टर के आदेश के बाद बिना मेडिकल प्रमाण पत्र के बैंक उन्हें उनकी मजदूरी नहीं दे सकता है।

मनरेगा के वेबसाईट से मिली जानकारी के अनुसार बीते वर्ष 2020-21 में कोरिया जिले के मजदूरों के खातों में ं1 करोड 35 लाख 90 हजार रू की मजदूरी का भुगतान मजदूरों के खाते में हो गया, यह भुगतान 29 मार्च 2021 को हुआ। इसमें बैकुंठपुर को 201 लाख, भरतपुर 270, खडगवां 514 लाख, मनेन्द्रगढ 214 और सोनहत में 157 लाख रू का लगभग भुगतान किया गया। परन्तु 11 अप्रेल से जिले को कंटेनमेंट जोन मे तब्दिल कर दिया गया, ऐेसे में मजदूरों की मजदूरी निकालने पर बैन लग गया। बीते वर्ष की 1 करोड 18 लाख 60 हजार रू की मजदूरी अब तक लंबित है। इसी तरह वर्ष 2021-22 में लगभग 27 लाख 54 हजार की मजदूरी चालू वित्तीय वर्ष की बाकि है, जिसमें बैकुंठपुर की शून्य है जबकि भरतपुर 16.23, खडगवां 1.76, मनेन्द्रगढ 1.01 और सोनहत 8.54 लाख बाकी है।  

लग्न और तमाम खर्च पर लगा है बैन
सिर्फ बैकुंठपुर की बात करें तो तीन दिन पूर्व तक लग्न/विवाह के लिए 5 सौ से ज्यादा लोगों को अनुमति प्रदान की जा चुकी थी, हलांकि सोशल डिस्टेंसिंग के तहत विवाह किए जा रहे हंै, बावजूद इसके विवाह में खर्च तो होगा ही, कई मजदूरों की माने तो बैंक उन्हें अपनी राशि निकालने के लिए साफ इंकार कर चुके है, जैसे-तैसे कर्जा लेकर वे कम से कम लोगों की उपस्थिति में विवाह समारोह कर पाए है। जब पैसा निकलेगा तो कर्जा चुकाएंगे और साथ में ब्याज भी देना होगा।

मजदूरी मिलने का कोई फायदा नहीं
मनरेगा के तहत बीते वर्ष की मजदूरी मजदूरों की खाते में तो आ चुकी है, परन्तु उनके हाथ अब तक मजदूरी नहीं आ सकी है, ग्रामीण क्षेत्रों में चोरी छिपे आधार कार्ड के जरीए थोडा बहुत लेनदेन किया जा रहा है, परन्तु वह भी ना के बराबर। मजदूरों का कहना है कि एक तो खाते में जो मजदूरी आई भी है वहां भी आधी, जिसे हम निकाल नहीं सकते है, तो राशि के आना ना आना एक बराबर ही कहेगें।

50 दिनों की मजदूरी लंबित का भुगतान हो- आप
आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष रमाशंकर मिश्रा ने कलेक्टर को पत्र लिखकर मजदूरों को बची 50 दिन की लंबित मजदूरी दिए जाने की मांग की है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि कोरोना महामारी की पहली लहर में मजदूरों ने डटकर सामना किया और दूसरी लहर में भी वो कोरोना संकट का सामना कर रहे है, ऐसे में उनकी सत्र 2021-21 की 50 दिनों की मजदूरी रोकना समझ से परे है।
 

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