महासमुन्द
परिवहन विभाग को पांच लाख के राजस्व का नुकसान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 2 मई। परिवहन विभाग में अब तक 262 बसों के संचालकों ने लॉकडाउन के बीच वाहन नहीं चलने पर होने वाले नुकसान से बचने आई फार्म सरेंडर किया है। इससे विभाग को करीब पांच लाख रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। जबकि बसों के न चलने से संचालकों को भी लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।
परिवहन विभाग की मानें तो जिले में संचालित बसों में से 90 फीसद वाहनों के संचालकों ने आई फार्म सरेंडर किया है। शेष बसें ऐसी है जिन्होंनें सरेंडर नहीं किया है।
जिला परिवहन अधिकारी मोहनलाल साहू ने बताया कि मार्च में लॉकडाउन के पूर्व 97 और अप्रैल माह के अंत तक 165 बसों के संचालकों ने आई फार्म सरेंडर किया है। ज्ञात हो कि राजधानी रायपुर में लॉकडाउन होने के बाद रायपुर रुट पर चलने वाली करीब 70 बसें बंद हो गई। इस दौरान जिला अनलाक था, लेकिन संक्रमण के खतरे और सवारियों के अभाव में अधिकांश संचालकों ने बसों का संचालन बंद कर दिया और परमिट टैक्स के खर्च से बचने के लिए विभाग को आई फार्म जमा कर दिया।
उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में आई फार्म सरेंडर होने से विभाग को करीब पांच लाख रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। जब तक अनलाक नहीं होगा और बसों का संचालन शुरू नहीं होगा तब तक आई फार्म जमा रहने से शासन को बसों से परमिट टैक्स के रूप में मिलने वाले राजस्व का नुकसान होगा।
जिला बस एसोसिएशन अध्यक्ष राकेश चंद्राकर का इस मामले में कहना है कि पिछले साल हुए लॉकडाउन के बाद बसों का संचालन जुलाई माह में शुरू हुआ। करीब चार माह की कोशिशों के बाद बस कारोबार दिसंबर में पटरी पर लौटा था कि इस साल मार्च में संक्रमण का खतरा बढ़ा और कारोबार पूरी तरह ठप्प हो गया। पिछले माह अप्रैल में सर्वाधिक शादियां थी जिसकी बुकिंग भी हो चुकी थी। लेकिन लॉकडाउन और शासन के निर्देश के तहत संख्या सीमित होने के बाद बुकिंग भी कैंसल हो गई। पिछली बार की तरह इस बार सभी बस संचालकों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। अभी कब तक लॉकडाउन रहेगा यह तय नहीं है।