रायपुर

शिक्षकों की कोरोना से हुई मौतों पर व्याख्याता सघं ने जताया आक्रोश, बीमा कवर की मागं की
03-May-2021 6:34 PM
शिक्षकों की कोरोना से हुई मौतों पर व्याख्याता सघं ने जताया आक्रोश, बीमा कवर की मागं की

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 3 मई।  छत्तीसगढ़ व्याख्याता सघं के प्रांतीय अध्यक्ष राकेश शर्मा और प्रांतीय महामंत्री राजीव वर्मा ने बताया है कि सामान्य प्रशासन विभाग छग शासन ने सभी विभागों से सरकारी कर्मचारियों की कोरोना से हुई मौत की जानकारी मंगवाई गई थी। उक्त जानकारी मे स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 369 शिक्षकों की कोरोना से मौत का आकड़ा उपलब्ध कराया गया। दिनोदिन यह आकड़ा बढते जा रहा है।

जिला प्रशासन द्वारा शिक्षकों से पूरे कोरोना काल मे सभी प्रकार की ड्युटी ली जा रही है, जिसमें कान्ट्रैक्ट टैसिगं, ऐक्टिव संविलास, टीकाकरण सेंटर, क्वॉनटाइन सेंटर, कोरोना से मृत्यु पश्चात शमशान घाट की व्यवस्थता, विभिन्न कोरोना कंट्रोल रूम, आदि में सक्रिय ड्युटी शामिल है। जिसमे शिक्षक अपनी जान जोखिम में डालकर बिना निजी सुरक्षा व्यवस्था के शासकीय दायित्व का निर्वहन कर रहे है। इसके बावजुद इन शिक्षकों को फ्रंटलाइन वर्कर नही माना जाता, जबकि यह सभी फ्रंटलाईन वर्कर की तरह कोरोना वारियर्स का काम कर रहे है।

अधिकांश शिक्षक इन कार्यों से कोरोना संक्रमित भी हो रहे है जिससे इनका परिवार की कोरोना की चपेट में आकर कई शिक्षक साथी कोरोना के कारण मौत के मुंह मे समा गए है और यह सिलसिला जारी है। शिक्षकों को फं्रटलाईन वर्कर के समान 50 लाख का बीमा कवर नहीं मिलता और न ही सुविधाएं , जबकि स्वास्थ्य विभाग और नगर निगमों ने अपने-अपने कर्मचारियों के लिए 50 लाख बीमा कवर और सुरक्षा व्यवस्थता प्रदान की है।

छग व्याख्याता सघं राज्य सरकार से सभी तरह की कोरोना ड्युटी में शामिल शिक्षकों-याख्यताओं-प्राचार्यो को 50 लाख बीमा कवर के साथ कोरोना मृत्यु उपरान्त परिवार के एक सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति  ,एसग्रेशिया की राशि तत्काल देने की मागं करता है। केन्द्र सरकार की कोरोना गाइडलाईन के अनुसार 55 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के , 3 वर्ष से छोटे बच्चों वाली महिला कर्मचारी , गर्भवती महिला कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण रोकथाम और बचाव कार्यों में ड्युटी नहीं करना है , किन्तु कुछ जिला कलक्टरों द्वारा इसका पालन नही किया जा रहा है, और नियम विरूद ड्युटी लगायी जा रही है। कहीं कहीं जिला प्रशासन द्वारा वेतन रोकने और वेतन काटने की घमकी  भी दी जा रही है। 

व्याख्याता सघं इस प्रकार की नियम विरूद्घ कार्रवाई का विरोध करता है और यह मागं करता है कि पूरे प्रदेश मे केन्द्र सरकार की कोरोना गाइडलाइंस के अनुसार ही शिक्षकों को पूरी सुविधा, सुरक्षा और  बीमा कवर के साथ ही ड्युटी पर लगाया जाय।

सघं के प्रदेश अध्यक्ष राकेश शर्मा  महांमत्री राजीव वर्मा , सहित गोर्वधन झा , अभय मिश्रा , जितेन्द्र शुक्ला , सुरेश अवस्थी, केके शर्मा  , विधा सक्सेना  , राघवेन्द्र मिश्रा , एम सी राय , वेद राम पात्रे , डा. नीरज वर्मा , रमाकांत राठौर , राजेश पांडे , अश्वनी शर्मा , अरुण साहू , आरसी नामदेव , नरेन्द्र पर्वत , नरेन्द्र सोनी , हेमंत पाणिग्रही , शैलेन्द्र सोनी , माधो सिगं , राजेश शर्मा मुकेश सिरमौर , फर्नान्द्र शर्मा आदि कर्मचारी नेताओ ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मागं की है, कि शिक्षकों की कोरोना से इतनी अधिक मौतों पर स्वयं संज्ञान ले तथा उन्है फ्रंटलाईन कोरोना वारियर्स का दर्जा देकर , 50 लाख बीमा कवर तथा कोरोना से मृत्यु उपरान्त परिवार के एक सदस्य को तत्काल प्रभाव से अनुकम्पा नियुक्ति तथा एसग्रेशिया  की राशि तत्काल प्रदान की जाय ।

 

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