राजनांदगांव
मई के पहले 4 दिन में 27 मौतें, हर दिन 7 की जान ले रहा कोरोना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 5 मई। कोरेाना वायरस से मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। वैश्विक महामारी के चपेटे में आने से कई परिवारों का बसा-बसाया संसार बिखर गया। राजनांदगांव के ममता नगर के लाल परिवार पर कोरोना के ढ़ाए कहर ने पिता-पुत्र की कुछ दिनों के अंतराल में जान ले ली है। पड़ोसी अब तक यकीन नहीं कर पा रहे हैं परिवार के दो सदस्य कुछ दिनों में ही संसार से चले गए। लाल परिवार के प्रवीण लाल की जहां 10 दिन पहले कोरोना ने जान ली। अब वहीं उनके पिता जोशी लाल ने भी कोरोना संक्रमण के चलते मंगलवार को अंतिम सांस ली। कोरोना इस कदर आतंक मचाया है कि कई ऐसे घर हैं, जहां कुछ दिनों के भीतर में पारिवारिक सदस्यों की जान चली गई।
महेश नगर के त्रिपाठी परिवार में भी कोरोना ने कहर ढ़ाया है। एक माह के भीतर पति-पत्नी इस दुनिया को अलविदा कह गए। ममता नगर के जोशी परिवार ने प्रवीण लाल की 10 दिन पहले ही मौत हुई थी। इस सदमे से परिवार के सदस्य उबर नहीं पाए थे कि अब घर के मुखिया कोरोना के सामने जिंदगी हार गए। पिछले अप्रैल माह में कोरोना के जद में आने से सैकड़ों की मौत हुई है। यह सिलसिला मई के पहले सप्ताह में और घातक हो गया है। मई के गुजरे चार दिन में 27 ने दम तोड़ दिया। यानी हर दिन 7 लोगों को कोरोना ने अपना ग्रॉस बनाया। पिछले महीने ताबड़तोड़ मौतों से लोग डरे हुए हैं। यह क्रम अब भी बरकरार है। हालांकि संक्रमित मरीजों की स्वस्थ होने के रिकवरी रेट में आंशिक सुधार हुआ है, परन्तु मौतों के आंकड़ों में गिरावट नहीं आई है। कोरोना से लड़ते जान गंवाने वालों के परिजन और रिश्तेदारों को इस बात का अफसोस है कि चाहते हुए भी उन्हें मौत के मुंह से बाहर नहीं निकाल सके।
राजनांदगांव शहर में पिछले कुछ दिनों में संक्रमित मरीजों की तादाद में गिरावट आई है, पर ग्रामीण इलाकों में कोरोना ने अपनी जड़े जमा ली है। देहात क्षेत्रों की स्थिति लगातार खौफनाक होती जा रही है। हालांकि सुखद पहलू यह है कि अप्रैल के पहले सप्ताह में मचे ऑक्सीजन और इंजेक्शन की किल्लत पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। इस कोहराम के बीच कई लोगों को दुनिया छोडक़र जाना पड़ा। बहरहाल कोरोना ने कई परिवार को पूरी तरह से तबाह कर दिया है। अपनों को खोने के बाद परिवारों में डर का माहौल बना हुआ है।