कोण्डागांव
खेतों में ही खराब हो रही थी फसल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
विश्रामपुरी, 5 मई। कोंडागांव जिले में लॉकडाउन के चलते शहरी क्षेत्रों में जहां सब्जी मार्केट पूरी तरह बंद है वहीं साप्ताहिक बाजार नहीं लगने से लोगों को सब्जियां के लिए परेशान होना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में लोग सब्जियों के लिए साप्ताहिक बाजार पर ही निर्भर करते हैं। ग्रामीण सब्जियों के अलावा किराने एवं अन्य जरूरत के सामानों के लिए भी हाट बाजारों पर ही आश्रित रहते हैं। लॉकडाउन के बाद से हाट बाजार पूरी तरह बंद है ऐसी स्थिति में जहां लोगों को सब्जी नहीं मिल पा रही है वहीं किसानों को भी अपने खेतों में उगाई सब्जियों को बेचने की चिंता सता रही है।
बड़ेराजपुर की महिला सरिता पटेल एवं विनीता पटेल ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए घर घर जाकर सब्जियां बेचने का कदम उठाया। उन्होंने बताया कि उनके घर में टमाटर, बरबटी, लौकी एवं अन्य सब्जियों का उत्पादन होता है जिसे साप्ताहिक हाट बाजारों में बेचकर कुछ पैसा कमा लेती थीं। इस समय लाकडाउन के चलते पखवाड़े भर से बाजार हाट बंद होने से हरी सब्जियां खेतों में ही सूख रही हैं जिसके चलते सब्जियों को तोडक़र टोकनी में भरकर आस-पास के गांव में पैदल घूमकर बेच लेती हैं।
वनीता एवं सरिता सिर पर सब्जी का बोझा रखकर 5-6 किलोमीटर पैदल चल लेती हैं। वे तीन सौ से चार सौ रुपये की सब्जियां बेच लेती हैं। सप्ताह में 2 से 3 दिन सब्जियां घुमा कर बेच रही हैं जिससे बाड़ी में पड़ी सब्जियां भी खराब नहीं होती वहीं इससे आमदनी भी हो जाती है। इन दिनों ग्रामीण क्षेत्र में कई महिलाएं ऐसे ही सब्जियां बेच रही हैं।
महिलाओं के इस प्रयास से जहां ग्रामीणों को लॉकडाउन की स्थिति मे सही दाम पर घर पहुंच ताजी सब्जियां मिल रही है वहीं इससे लोगों को घर से बाहर नहीं जाना पड़ता।
ग्रामीण आशाराम , जगदीश प्रसाद, ईश्वर लाल आदि ने बताया कि कोरोना काल में सब्जियों के लिए बाहर जाने मे डर लगता है वहीं पुलिस से पूछताछ का भी सामना करना पड़ता है। यदि हरी सब्जियां न मिले तो लोग दाल ,आलू बड़ी आदि से काम चला रहे हैं। ऐसी स्थिति में कोरोना काल मे महिलाओं का घर पर सब्जी पहुंचा कर बेचना प्रशंसनीय है।