महासमुन्द
तीन अन्य गर्डर चढ़ाने के लिए फिर से अनुमति लेनी होगी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 6 मई। पुरी-कुर्ला एक्सप्रेस के रवाना होने के बाद बुधवार दोपहर दो बजे रेलवे से ब्लॉक की अनुमति मिली। फिर महासमुंद स्टेशन से बेलसोंडा तक पावर कट किया गया। इसके बाद तुमगांव रेलवे ओवरब्रिज पर 3 गर्डर चढ़ाए गए। इसके लिए तीन घंटे का समय लगा।
बुधवार को पुरी-कुर्ला एक्सप्रेस के रवाना होने के बाद ठीक दो बजे ब्लॉक की अनुमति मिली। शेष गाडिय़ों को अलग-अलग स्टेशन में ही रोक दिया गया। ब्लॉक से पहले से ही गर्डर चढ़ाने की तैयारी पूरी कर इंतजार कर रहे अधिकारी-कर्मचारियों की निगरानी में क्रेन के जरिए गर्डर चढ़ाने का काम शुरू किया।
निर्माण कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर एके दत्ता ने बताया कि सबसे पहले आरओवी के ऊपर 2 नंबर का गर्डर लांच किया गया। इसके बाद 1 नंबर और 3 नंबर का गर्डर चढ़ाया गया। तीनों गर्डर का कुल वजन 111 टन का था। जिसे क्रेन के माध्यम से चढ़ाया गया। पहले चरण में केवल तीन गर्डर चढ़ाए गए हैं। तीन अन्य गर्डर को चढ़ाने के लिए फिर से अनुमति लेनी होगी। कहा जा रहा है कि इसके लिए आज या फिर कल अनुमति मिल सकती है। गर्डर चढ़ाने के बाद इसके दोनों ओर बने 18-18 मीटर लंबे पिलरों को भी गर्डर से जोड़ा जाएगा। लेकिन पिलरों को जोडऩे के रेलवे की अनुमित की जरूरत नहीं होगी। यह काम समय देखकर निर्माण कंपनी के कर्मचारी कर लेंगे।
गर्डर चढ़ाने के दौरान रेलवे की ओएचई वैन भी मौजूद रही। इस दौरान रेलवे इलेक्ट्रिक लाइन का पावर कट कर दिया गया था। गर्डर चढ़ाने का काम पूरा होने के बाद ओएचई वैन के जरिए इलेक्ट्रिक विभाग के अफसरों ने तार को सही तरीके से फिट किया, ताकि ट्रेनों का परिचालन फिर से सुचारू ढंग से हो सके।
ओवरब्रिज के लिए बने पीडब्ल्यूडी और रेवले के पिलर के बीच की दूरी दूरी 75.440 मीटर है। इसमें 36 मीटर लंबा रेलवे ट्रैक है। उसके बाद उनके बगल बने पिलर के दोनों हिस्सों की दूरी 18.18 मीटर है। डेढ़-डेढ़ फीट की दूरी के बाद पीडब्ल्यूडी का पिलर है। चार पिलर का निर्माण गर्डर के लिए किया गया है, जो रेलवे के क्षेत्र में बना है। दो तुमगांव की ओर व दो महासमुंद शहर की ओर है। रेलवे ट्रैक ऊपर 36.36 मीटर के 6 गर्डर रखे जाएंगे। तीन गर्डर कल बुधवार को चढ़ गया है और तीन गर्डर बाद में चढ़ेगा।