राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 6 मई। कोविड-19 संक्रमण के कारण जिले में लॉकडाउन है। कोरोना की दूसरी लहर में इस बार भी कोरोना योद्धा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका, गर्भवती एवं शिशुवती माताओं एवं बच्चों के सुपोषण के लिए अपना फर्ज निभा रही हैं। तपती दोपहर और मौसम की परवाह न कर घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट वितरण कर रही हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सभी घरों में गहरी जान-पहचान होने की वजह से कोरोना संक्रमण से सावधानी एवं अन्य जानकारी हेतु प्रभावी संचार के लिए महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं कार्य कर रही हैं। जमीनी स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम न केवल माताओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रख रही हैं, बल्कि ग्रामवासियों को कोरोना से बचाव के लिए मास्क लगाने, सोशल डिस्टेसिंग का पालन करने एवं अन्य आवश्यक सावधानी की जानकारी दे रही है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं ग्रामीण क्षेत्रों में सर्दी, खांसी एवं बुखार वाले मरीजों का चिन्हांकन करने के लिए एक्टिव सर्विलेंस कर रहे हैं। वहीं कोरोना पॉजिटिव मरीजों के कांटेक्ट टे्रसिंग की ड्यूटी भी निभा रहे हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं एक सजग कार्यकर्ता के रूप में ग्रामवासियों को वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं।
कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास रेणु प्रकाश ने बताया कि शासन के निर्देशों का पालन करते आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपनी ड्यूटी पर तैनात हैं। अभी तक 90 प्रतिशत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को वैक्सीन लग गया है और वे फिल्ड में जाकर माताओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रख रही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं कार्य के दौरान कोरोना संक्रमित भी हुए हैं, लेकिन उनका कार्य के प्रति जज्बा कम नहीं हुआ है। अधिकांश कार्यकर्ताएं होम आइसोलेशन में ही स्वस्थ हो गए हैं, जिसकी एक वजह वैक्सीनेशन भी रही है।