राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 7 मई। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 18 प्लस पर अंत्योदय कार्ड पर लगाई जा रही वैक्सीन नीति को हाईकोर्ट से झटका लगने के बाद अब सरकार ने 18 प्लस के वैक्सीनेशन को ही रोक दिया। वैक्सीनेशन की इस नीति के विरोध में प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष खूबचंद पारख ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की टीकाकरण की नीति भेदपूर्ण रही। जिसका भाजपा ने शुरू से ही विरोध किया, जिसे कांग्रेस ने गरीबों के विरोधी के रूप में भाजपा पर पलटवार किया।
श्री पारख ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि अपनी अक्षमता और देर से लिए गए निर्णय के कारण पर्याप्त संख्या में कंपनी द्वारा वैक्सीन उपलब्ध न होने के कारण अपनी असफलता का ठीकरा भाजपा पर फोडऩे का कुत्सित प्रयास कांग्रेस द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में प्रदेश की जनता इस भयानक बीमारी से पीडि़त थी और ऐसे संकट के समय में राज्य सरकार केंद्र के निर्णय पर राजनीति कर रही थी और दंभ भरकर कह रहे थे कि कोवैक्सीन को राज्य में नहीं लगाने देंगे, ऐसा कहकर लाखों की संख्या में आई हुई कोवैक्सीन को खराब किया गया। श्री पारख ने कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोवैक्सीन इंजेक्शन लगवाया और विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया कि कोवैक्सीन 83 प्रतिशत सफल वैक्सीन है, तभी राज्य सरकार ने उसे लगाने की मंजूरी दी। जबकि भारत में सभी राज्य कोवैक्सिन को शुरू से लगा रहे थे।
श्री पारख ने कहा कि 18 प्लस 44 तक के वैक्सीनेशन अभियान को रोकने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की गलत नीति दोषी है, क्योंकि सरकार की नियत में शुरू से ही खोट रही है। चुनाव के समय में राजनीति करना समझ में आता है, परंतु जब प्रदेश की जनता गंभीर बीमारी से जूझ रही है, ऐसी गंभीर स्थिति में कांग्रेस सरकार की तेरे-मेरे की गंदी राजनीति प्रदेशवासियों को भारी पड़ी है।