बालोद

प्राकृतिक आपदा का आंकलन कर किसानों को मुआवजा दिया जाए
07-May-2021 7:41 PM
 प्राकृतिक आपदा का आंकलन कर किसानों को मुआवजा दिया जाए

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दल्लीराजहरा, 7 मई। भाजपा प्रदेश किसान मोर्चा के सदस्य नागेंद्र चौधरी ने बताया कि बालोद जिले के ग्रमीण क्षेत्र के किसानों की हालत मौसम एवं कोरोनो के कारण बहुत दयनीय हो गई है। लॉकडाउन के कारण पहले ही छोटे छोटे किसान जो सब्जी कृषक है, उनका व्यापार काफी प्रभावित हुआ है और अब फसलें बेमौसम बरसात के कारण चौपट हो गई है।

नागेंद्र चौधरी ने बताया कि कोरोनकाल के इस दूसरी लहर में पूरा जनमानस अस्तव्यस्त हो गया है पर सबके लिए अनाज उगाने वाले किसान ही सबसे दयनीय स्थिति में है। लॉकडाउन की वजह से छोटे सब्जी व्यापारियों को नुकसान हो रहा इनका व्यापार सही ढंग से शहरी क्षेत्र या मंडियों में हो पाता है, किंतु लॉकडाउन के कारण ये दोनों ही जगह बन्द है। जिस कारण इन्हें कम मूल्य में विक्रय करना पड़ रहा है और सब्जी भी खराब हो रही है। बेमौसम बरसात के कारण दर्जनों गांव के सैकड़ों किसानों की धान की बालियां झड़ गई है। जिस कारण फसल चौपट हो गयी है और उन्हें आर्थिक नुकसान का सामान करना पड़ रहा है।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा जो छोटे सब्जी कृषक है। उन्हें सब्जी के खेतियों में डालने हेतु रासायनिक दवा, बीज एवं खाद की आवश्यकता पड़ती है पर लॉकडाउन की वजह से सभी कृषि केंद्र बन्द है। जिससे फसलों में कीड़े पडऩे का डर भी बना हुआ है। साथ ही धान की खेती पक चुकी है और आगे किसानों को हार्वेस्टर मशीन की आवश्यकता पड़ेगी किंतु परिवहन की अनुमति ना होने एवं डीजल विक्रय पर भी प्रतिबंध होने के कारण इस कार्य मे भी बाधा आने की पूरी संभावना है।

नागेंद्र चौधरी ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि इन सभी समस्याओं का निराकरण हेतु टीम गठित कर किसानों को होने वाले समस्या का जल्द से जल्द निराकरण किया जाए साथ ही बारिश की चपेट में आए गांव के पटवारियों के माध्यम से सर्व कर किसानों को आर्थिक मुआवजा, क्षतिपूर्ति प्रदान करे। लॉकडाउन के कारण मनरेगा जैसे कार्य भी बन्द है जिस कारण आर्थिक मुआवजा ही किसानों के लिए इस समय मददगार सबित होगा। किसानों को भी उम्मीद है कि कृषि विभाग व सरकार इस पर ध्यान देगी और उन्हें मुआवजा दिलाया जाएगा।

भाजपा किसान मोर्च के सदस्य ने कहा कि  फसल प्राकृतिक आपदा से नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि रबी फसल में कृषि विभाग की योजना के तहत फसल बीमा नहीं होती है। इसलिए शासन प्राकृतिक आपदा के तहत हमारी फसल नुकसान का आंकलन करके मुआवजा दिया जाए ताकि कुछ राहत मिल सके।

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