रायपुर
रायपुर, 8 मई। भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कोरोना वैक्सीनेशन में आरक्षण के फैसले को लेकर प्रदेश सरकार को हाई कोर्ट ने बहानेबाजी करके वैक्सीनेशन रोकने के लिए नाराजगी जाहिर कर सभी वर्ग के लोगों का समान रूप से टीकाकरण करने का निर्देश दिए जाने का स्वागत किया है। श्री कौशिक ने प्रदेश की राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उईके की उस राय का भी स्वागत किया है जिसमें सुश्री उईके ने कहा है कि विधायक निधि का उपयोग स्थानीय तौर पर होना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि वैक्सीनेशन को लेकर प्रदेश सरकार शुरू से अपने राजनीतिक दुराग्रह का परिचय देती आ रही है। पहले वैक्सीन की प्रामाणिकता पर सवाल उठाकर प्रदेश को भ्रमित करके प्रदेश सरकार ने वैक्सीनेशन का काम रोका, जिससे लगभग ढाई लाख वैक्सीन के डोज़ बर्बाद हो गए। इसके बाद 18 वर्ष से अधिक आयुसीमा के युवकों के वैक्सीनेशन के लिए प्रदेश सरकार ने आरक्षण के नाम पर नई राजनीतिक नौटंकी की और मामला जब हाई कोर्ट पहुँचा तो प्रदेश सरकार ने वैक्सीनेशन का काम ही स्थगित कर दिया। इसके चलते प्रदेश में लगभग एक लाख वैक्सीन की डोज जाम पड़ी है।
प्रदेश में वैक्सीनेशन के लिए लोगों को जागरूक और प्रेरित करने के लिए भूपेश सरकार की ओर से अपेक्षानुरूप सार्थक प्रयास नहीं किए जाने का ही यह दुष्परिणाम है कि प्रदेश के गांवों में वैक्सीनेशन के लिए पहुंच रहे प्रशासनिक अमले को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है, ग्रामीण किसी भी सूरत में टीकाकरण के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं और टीकाकरण दल को गांव से भगाया जा रहा है।
श्री कौशिक ने कहा कि हाई कोर्ट के निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश सरकार अब वैक्सीनेशन और कोरोना संक्रमण की रोकथाम के प्रति संजीदा होकर काम करे।
नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने प्रदेश की राज्यपाल सुश्री उईके द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे पत्र का जि़क्र कर विधायकों की निधि फ्रीज़ करने के प्रदेश सरकार के फैसले को तुग़लक़शाही की मिसाल बताते हुए कहा कि कोरोना सेस, डीएमएफ फंड, कैम्पा फंड और मुख्यमंत्री सहायता कोष में अब तक जमा सैकड़ों करोड़ रुपए में से वैक्सीन खऱीदने में प्रदेश सरकार की साँसे क्यों फूल रही है? प्रदेश सरकार विधायक निधि की राशि से कोरोना संक्रमण के खि़लाफ़ जारी ज़ंग में विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में जो राशि स्वीकृत कर दी है, प्रदेश की कांग्रेस सरकार बताए कि विधायक निधि फ्रीज़ करने के बाद वे काम अब कैसे हो सकेंगे? श्री कौशिक ने कहा कि राज्यपाल की यह चिंता विचारणीय है कि आदिवासी बहुल ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है। बस्तर और सरगुजा क्षेत्रों में अस्पताल में आईसीयू, ऑक्सीजऩ सिलेंडर्स के साथ-साथ रोगी वाहनों व शव वाहनों की कमी को शीघ्र दूर करने की आवश्यकता है। श्री कौशिक ने कहा कि विधायकों को विश्वास में लिए बिना प्रदेश सरकार ने विधायक निधि की राशि फ्ऱीज़ करके एकतरफ़ा और नितांत अव्यावहारिक निर्णय लिया है। प्रदेश सरकार राज्यपाल सुश्री उईके की चिंता के मर्म को समझकर विधायक निधि का स्थानीय तौर पर ही इस्तेमाल जारी रखे ताकि कोरोना संक्रमण के खि़लाफ़ जारी ज़ंग में स्थानीय ज़रूरतों को पूरा किया जा सके।