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महासमुंद जेल ब्रेक कर भागे पांचों बंदी गिरफ्तार, कोई रिश्तदारों के यहां तो कोई जंगल में छिपते रहे
08-May-2021 7:11 PM
महासमुंद जेल ब्रेक कर भागे पांचों बंदी गिरफ्तार, कोई रिश्तदारों के यहां तो कोई जंगल में छिपते रहे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 8 मई। महासमुंंद जेल से भागने वाले सभी 5 फरार बंदी कल शाम तक पकड़ लिए गए हैं। इनमें से चार तो कम मेहनत से जल्दी पकड़ लिए गए, लेकिन एक को पकडऩे में पुलिस और क्राइम टीम को काफी मेहनत करनी पड़ी। जेल से भागकर बंदी करीब 10 किलोमीटर के दायरे वाले इलाके में छिपते फिर रहे। पुलिस की अलग-अलग टीमें इन्हें तलाश रही थीं।

ज्ञात हो कि जिला जेल की दीवार फांदकर गुरूवार की दोपहर पांच बंदी फ रार हो गए थे। इस मामले में जेल के एक मुख्य प्रहरी और तीन अन्य प्रहरियों को निलंबित कर दिया गया है। पूरे 30 घंटे के सर्च ऑपरेशन के बाद अलग-अलग इलाकों से इन बदमाशों को पकडऩे में जिले की पुलिस कामयाब रही। एसपी प्रफुल्ल ठाकुर की टीम को आईजी आनंद छाबड़ा ने इस मिशन की कामयाबी के लिए 30 हजार रुपए कैश प्राइज देने का एलान किया है। शुक्रवार दोपहर तक फरार 4 बंदियों को पकड़ लिया गया था और शुक्रवार की रात खल्लारी इलाके से फरार चल रहे कैदी धनसाय को भी पकड़ लिया गया। इससे पहले कोमाखान इलाके से करण और दौलत, पटेवा से राहुल, और बेमचा इलाके से डमरूधर को पकड़ लिया गया।

इस मामले में जेल प्रशासन ने चार प्रहरियों को निलंबित कर दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार निलंबन की कार्रवाई प्रहरी भरत राम सेन, गणेश राम और सुखीराम कोसले के अलावा मुख्य प्रहरी राजकुमार त्रिपाठी पर की गई है। घटना के वक्त भरत राम सेन की ड्यूटी बैरक नंबर 5-6, गणेश राम की ड्यूटी बैरक नंबर 7-8-9 पर और सुखीराम कोसले की ड्यूटी दीवार के पास थी। इस पूरे मामले में जांच कर रही एएसपी मेघा टेंभुरकर ने बताया कि दोपहर करीब 3 बजकर 30 मिनट के आस-पास की इस घटना में बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। अब तक हुई जांच में ये बात सामने आई है कि जिस जगह पर गार्ड की ड्यूटी होनी थी वहां पर वो था ही नहीं। करीब आधे घंटे तक दीवार पर कंबल से रस्सी बनाकर कैदी भागने का प्रयास करते रहे, मगर किसी की नजर इन पर नहीं पड़ी थी। इसी मौके का फायदा उठाकर वो भाग गए थे। दूसरी सबसे बड़ी बात कि जिस वक्त ये कांड हुआ बैरक से बाहर कैदियों के आने का सवाल ही पैदा नहीं होता। क्योंकि उस समय किसी को बाहर नहीं रखा जाता तो ये बाहर कैसे थे, हम इन सभी एंगल पर पड़ताल कर रहे हैं।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भागे हुए बंदियों में शामिल 33 साल का धनसाय, 24 साल का डमरूधर और 22 साल का राहुल लूट के आरोपी हैं। महासमुंद में ही इन्होंने एक वारदात को अंजाम दिया था। साल 2019 से ये इसी जेल में थे। इनमें से राहुल यूपी का रहने वाला है। 23 साल के दौलत को दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 21 साल का करण नशीली चीजें रखने के मामले में पकड़ा गया था। ये दोनों भी महासमुंद के ही रहने वाले हैं। पांचों ने कंबल की एक लंबी रस्सी बनाई, इसके आगे लोहे की रॉड से एंगल बनाकर उसे 21 फीट ऊंची दीवार पर फंसाया और इसी के सहारे दीवार फांदकर बाहर चले गए।

  नाकेबंदी के दौरान ही पुलिस को सूचना मिली कि एक संदिग्ध व्यक्ति नीला टी शर्ट एवं हाफ पैंट पहनकर जेल के पीछे जंगल में है। जिसे तस्दीक कर पकड़ा गया। यह डमरू गोंड़ था। करण तथा दौलत अपने रिश्तेदार के घर ग्राम बिंद्राबन थाना कोमाखान में पकड़े गए। टेक्निकल तरीके की सहायता से राहुल दुबे को झलप में किसी का इंतजार करते झलप थाना पटेवा और धनसाय चौहान को ग्राम रैताल जंगल में थाना खल्लारी से गिरफ्तार किया गया। इस तरह 36 घण्टे के अंदर सभी फरार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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