बीजापुर

तेंदूपत्ता संग्राहकों की सुरक्षा की चिंता करें वन विभाग व प्रशासन-मुदलियार
08-May-2021 8:43 PM
 तेंदूपत्ता संग्राहकों की सुरक्षा की चिंता करें वन विभाग व प्रशासन-मुदलियार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बीजापुर, 8 मई। पड़ोसी राज्य तेलंगाना व महाराष्ट्र से यहां पहुंचे तेंदूपत्ता ठेकेदारों और उनके सहयोगियों को बिना कोविड जांच व बिना प्रोटोकॉल के फॉलो किये क्षेत्र में भेज दिए जाने पर भाजपा जिलाध्यक्ष श्रीनिवास मुदलियार ने सवाल खड़े किए हैं।

भाजपा जिला अध्यक्ष श्रीनिवास मुदलियार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि जिला प्रशासन ने कोरोना प्रकोप को लेकर लॉकडाउन जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं। कोरोना का आंध्रा म्यूटेंट नया स्ट्रेन का तेलंगाना, महाराष्ट्र में अत्यधिक प्रभाव को देखते हुए तेलंगाना,महाराष्ट्र सीमा क्षेत्रों को नाकेबंदी कर सघन जांच करवाने में काफी गम्भीरता व सजगता दिखाई ।किंतु ऐसा क्या मोह था ? तेंदुपत्ता ठेकेदारों व उनके सहयोगियों के प्रति कि कोविड नियमों का पालन,परिपालन किये बगैर  क्षेत्र व जिला मुख्यालय में बेखौफ घूमने की इजाज़त दे दिया। श्री मुदलियार ने कहा कि यह बात सत्य है कि तेंदूपत्ता संग्रहण यहां के गांव,गरीब, आदिवासियों के जीवन-यापन का बहुत बड़ा साधन व आधार है।किंतु वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर उनके जीवन को सुरक्षित करने का दायित्व भी प्रशासन व वनविभाग का है ।

   उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से संक्रमित लोगों की वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए कोरोना की दूसरी लहर के बीच आंध्रा म्यूटेंट का नया स्ट्रेन मिलने से जहां लोगो में खौफ है ,जो मौजूदा स्ट्रेन के मुकाबले  नया वेरिएंट कई गुना ज्यादा खतरनाक है। इस बात की वैज्ञानिकों एवं चिकित्सकों ने पुष्टि भी कर दी है। इसका असर भी विगत दिनों तेलंगाना से आये लोहंडीगुड़ा क्षेत्र के युवक की नया स्ट्रेन पाए जाने से मौत होना पश्चात बस्तर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने चिंता जाहिर किया और पूरे बस्तर संभाग के जिलों को हाई अलर्ट घोषित किया गया है। श्री मुदलियार ने आगे कहा कि बावजूद इसके बीजापुर में वनविभाग व जिला प्रशासन ने तेलांगाना और महाराष्ट्र से आये हुए तेंदूपत्ता ठेकेदारों व उनके सहयोगियों को कोविड-19के प्रोटोकॉल का  पालन किये बिना उन्हें अपने अपने कार्य क्षेत्रों में भेजा गया।

जबकि कोरोना संक्रमण के भीषण प्रकोप से सम्पूर्ण देश जूझ रहा है। ऐसे वक्त सर्वविदित है,कि कोविड नियमों का पालन कर अपना आरटी पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट 72 घण्टे पूर्व का तेलंगाना, महाराष्ट्र से लेकर इस जिले में तेंदूपत्ता तोड़ाई प्रारंभ के पूर्व निर्धारित समय से प्रवेश कर कोरोना नियमों  का पालन में इस जिले में भी कोरोना मापदण्डो के मुताबिक क्वारन्टीन होते और यहां का आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर उन्हें अनुमति दिया जाता तो  नया स्ट्रेन का खतरा नही रहता। उन्होंने कहा कि इसकी जिम्मेदारी वन विभाग के मण्डल अधिकारी एवं जिला प्रशासन की हैं । परंतु ऐसा न कर तेंदूपत्ता ठेकेदारों व उनके सहयोगियों को लॉकडाउन के नियमों का उचित पालन न कराकर उन्हें खुली छूट दे दी गई । जो कोरोना संक्रमण के नए स्ट्रेन को आमंत्रण जैसा है । श्री मुदलियार ने कहा कि इस विषय पर क्षेत्रीय विधायक का भी किसी प्रकार का संज्ञान नही लेना उन्हें अपने क्षेत्र के प्रति संवेदशीलता को दर्शाता हैं। ऐसे संवेदनशील विषयों पर मौन रहना क्षेत्रीय विधायक  की मौन स्वीकृति को दर्शाता है।

उन्होंने राज्य सरकार व जिला प्रशासन से मांग कि हैं कि इस क्षेत्र के गांव,गरीब आदिवासियों का तेंदूपत्ता संग्रहण कोविड नियमों के मापदंडों का पूर्णतया पालन करते हुए किया जायें। और तेंदूपत्ता संग्राहकों को कोरोना प्रकोप से बचाये व सुरक्षित रखें।तथा कितने ठेकेदार व उनके सहयोगी जो बीजापुर जिले में प्रवेश किये उनकी सूची व उनके मेडिकल रिपोर्ट्स यदि क्वारन्टीन किये तो किन-किन केंद्रों में और कितने दिन एवं उनके आर टी.पीसीआर रिपोर्ट्स और उनकी वर्तमान स्थिति, को सार्वजनिक किया जाये।

 और यदि ऐसा नही तो इस क्षेत्र में कोरोना की दूसरी लहर में आया नया स्ट्रेन पाया जाता है तो इसकी पूर्णत: जवाबदेही संबंधित अधिकारी एवं तेलंगाना/महाराष्ट्र के ठेकेदारों की होगी ।

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