राजनांदगांव

कोरोना बंदिशों से घरों में ईद की नमाज
10-May-2021 7:50 PM
कोरोना बंदिशों से घरों में ईद की नमाज

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव, 10 मई। कोरोना से उपजे संकट से निपटने लगाए गए बंदिशों के कारण रमजान के मुबारक महीने में ईद-उल-फितर पर्व की पारंपरिक तैयारी पर प्रतिकूल असर पड़ा है। लगातार दूसरे साल ईद पर्व की खुशियां कोरोना के चलते फीकी पड़ गई है। 13 मई को मुस्लिम धर्मावलंबी रमजान माह में कठिन व्रत रखने के बाद ईद पर्व मनाएंगे। बताया जा रहा है कि शहर के अलग-अलग मस्जिदों के सदर और समाज प्रमुखों ने घरों में ही नमाज अता करने की गुजारिश की है। लिहाजा ईद की सामुहिक नमाज नहीं होगी। कोरोना के चपेटे में आने से शहर और जिले में लगातार संक्रमण अब भी फैल रहा है।

बताया जा रहा है कि घरों में ईद की नमाज अता करने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की गई है। मस्जिदों में सदर और चुनिंदा पदाधिकारी ही नमाज अता करने के लिए जुटेंगे। बीते साल भी देशव्यापी लॉकडाउन होने से समाज के लोगों को घरों में ही नमाज अता करना पड़ा था। मस्जिद जहां जम्हूरियत की गैर मौजूदगी से सूने रहे। वहीं ईदगाह मैदान में भी सन्नाटा पसरा रहा। पिछले 13 अप्रैल से समाज के लोग रोजा रखकर अल्लाह-ता-आला से कोरोना को दुनिया से रूखसत करने की दुआएं मांग रहे हैं। घरों में पांच वक्त का नमाज अता कर रोजेदार अल्लाह की इबादत कर रहे हैं।

इस संबंध में जूनीहटरी स्थित हन्फी मस्जिद के सदर जावेद अंसारी ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि समाज के लोग घरों में ही नमाज अता करेंगे। उन्होंने ईद के मौके पर दीन-दुखियों की मदद के लिए हाथ बढ़ाने की गुजारिश की है। श्री अंसारी का कहना है कि अभी संकट के दौर में एकजुट होकर इस वैश्विक महामारी से लड़ा जा सकता है। समाज भी देश के साथ कोरोना से जंग लडऩे खड़ा है।

इधर पर्व पर कोरोना से पड़े असर से कारोबार पर भी व्यापक असर पड़ा है। आमतौर पर ईद से सप्ताहभर पहले बाजार में रौनकता बढ़ जाती है। वहीं लोग त्यौहारी खरीदारी कर घरों में ईद पर्व मनाने की तैयारी में जुटे नजर आते हैं। हालांकि घरों में अब भी आंशिक तैयारी चल रही है। मसलन घरों में मीठी सेवाई बनाने के साथ-साथ पारंपरिक व्यंजनों को भी तैयार किया जा रहा है। कोरोना से इस पर्व के लिए कपड़ों की खरीददारी पर रोक लगी हुई है। इससे कपड़ा बाजार भी नुकसान उठा रहा है।

ईद पर बेसहारों की मदद असली इबादत - परवेज

समाजसेवी व हन्फी मस्जिद के पूर्व सदर परवेज अहमद ने ईद मनाने के साथ लोगों से बेसहारों को मदद करने आगे आने की अपील की है। उन्होंने गुजारिश करते लोगों से कहा कि जरूरतमंद लोगों को सहायता देना ही अल्लाह की असली इबादत है। नेक इरादे के साथ मुश्किल में फंसे लोगों की मदद करना समय की मांग है। कोरोनाकाल में एक वर्ग ऐसा है जिसके सामने दो वक्त का भोजन जुटाना मुश्किल हो गया है। तकलीफदेह वर्ग के लिए मदद करने से अल्लाह भी खुश होते हैं। श्री अहमद ने कहा कि भूखे और गरीब वर्ग को मदद करना खुदा की इबादत करने जैसा है।

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