बलौदा बाजार
विवाह स्थल, टेंट, कैटरिंग, बैंड बाजे, घोड़ी, डेकोरेशन की बुकिंग कैंसिल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 10 मई। कोरोना के चलते जिले की 90 फीसदी शादियां टाल दी गई हैं। लोगों ने विवाह स्थल, टेंट, कैटरिंग, बैंड बाजे, घोड़ी, डेकोरेशन आदि की बुकिंग कैंसिल करा दी है। विवाह आदि मांगलिक कार्यों के लिए अक्षय तृतीया सबसे बड़ा मुहूर्त माना जाता है, जो 14 मई को है।
कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने कोरोना की खतरनाक दूसरी लहर के चलते सभी एसडीएम को निर्देश जारी कर कहा है कि गांव एवं शहरों में होने वाली शादियों पर नजर रखे, यथासंभव शादियों के लिए परमिशन न दे। अगर जरूरी हो तो उसमें 10 मेहमानों का नाम लिखवाकर केवल शादी की अनुमति दें, चौथिया जैसी प्रथाओं के लिए अनुमति बिलकुल भी न दें, नियमों के उल्लंघन की सूचना मिलने पर कड़ी कार्रवाई करें।
पंडितों से देवउठनी एकादशी के बाद नवंबर, दिसंबर और अगले साल जनवरी के विवाह मुहूर्त निकलवाए जा रहे हैं। केवल 10 लोगों के शामिल होने की बंदिश तथा कोरोना के भयवश कई लोगों ने खुद ही शादियों को टालने का फैसला किया है। दस मेहमानों की स्वीकृति और शादी की जिला प्रशासन से अनुमति अनिवार्य कर दिए जाने से शादी वाले परिवारों ने स्वयं 90 प्रतिशत से अधिक शादियां स्थगित कर दी है। किसी भी समाज में कोई सामूहिक विवाह भी नहीं हो रहे हैं। लोगों ने विवाह स्थल, टेंट, कैटरिंग, बैंड बाजे, घोड़ी, डेकोरेशन आदि की बुकिंग कैंसिल करा दी है।
बेटी की शादी अब 28 नवंबर को करेंगे
गौरव वर्मा ने बताया कि बेटी की शादी 14 मई को थी लेकिन कोरोना के इस कदर बढऩे और मात्र 10 मेहमानों की अनुमति को देखते हुए मंगल भवन की बुकिंग कैंसिल करा दी, अब 28 नवंबर के लिए बुकिंग करवाई है।
आखातीज की शादी कैंसिल, अब 30 नवंबर को
ग्राम चांपा निवासी सहोदर पाठक की बेटे की आखातीज को शादी होनी थी, जिसे स्थगित कर दिया गया है, 5-6 महीने पहले यह मुहूर्त निकलवाया था। परिवार के राहुल पाठक ने बताया कि अब पंडितजी ने दूसरा मुहूर्त 30 नवंबर का निकला है। भगवान से यही दुआ करते हैं कि ये महामारी जल्द जाए ताकि हम सबकी खुशियां वापस आ सकें।
बाल विवाह पर नजर अब पंडित भी फंसेंगे
इधर कलेक्टर ने गांवों में किसी भी नाबालिग का विवाह न हो इसके लिए शनिवार को सभी ग्राम पंचायतों में अनिवार्य रूप से विवाह पंजीयन करने के आदेश दिए हैं जिससे समय रहते नाबालिग लडक़े एवं लडक़ी की पहचान की जा सके। उन्होंने 14 मई अक्षय तृतीया पर संभावित शादियों को देखते हुए सभी मैदानी अमलों को सजग रहने के साथ ही बाल विवाह रोकथाम के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकाय में विवाह पंजी संधारित करने के निर्देश दिए हैं। बाल विवाह कराने वाले वर-वधु के माता-पिता, सगे संबंधी, बाराती, विवाह कराने वाले पंडित पर भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
देवउठनी का मुहूर्त निकलवा रहे लोग
पं. धनेश्वर प्रसाद शास्त्री ने बताया कि साल 2021 शुरू होते ही खरमास, गुरु-शुक्र ग्रह के अस्त रहने से करीब पौने चार माह शहनाइयां नहीं बजीं। 25 अप्रैल से विवाह लग्न शुरू हुए लेकिन अब कोरोना संक्रमण बढऩे से लोग शादियां कैंसिल करके देवउठनी एकादशी के बाद के मुहूर्त निकलवाने आ रहे हैं।