महासमुन्द
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
पिथौरा, 11 मई। महासमुंद वनमंडल के अंतर्गत वन परिक्षेत्र पिथौरा परिवृत्त सांकरा बोईरडीह परिसर में अवैध शिकार के लिए बिछाए गए करंट युक्त फंदे की चपेट में आने से एक बायसन की मौत हो गयी। इस मामले में वन विभाग पिथौरा द्वारा शिकार में शामिल तीन ग्रामीणों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में भेज दिया है।
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिथौरा परिक्षेत्र के कक्ष क्र 264 में शनिवार की रात क्षेत्र के कुछ शिकारियों ने करन्तयुक्त जीआई तार बिछाया था। ये फंदा ग्रामीण चीतल एवं जंगली सुअर के शिकार के लिए लगते है, परन्तु इसमें बायसन, बंदर एवं पालतू मवेशी भी फंस कर अक्सर मारे जाते हंै। इन फंदे की चपेट में जंगल में ही पानी पीने जा रहा एक बायसन आ गया और करंट लगने से घटनास्थल पर ही मारा गया।
रविवार सुबह जब शिकारियों ने देखा कि बायसन फंस कर मारा गया है तब वे उसे वही छोड़ भाग खड़े हुए। इसके बाद घटना की जानकारी वन विभाग को मिलते ही एसडीओ यूआर बसन्त तत्काल घटना स्थल पहुंचे। तब मौके पर वन अधिकारियों एवं वन अमले ने पाया कि करंट युक्त तार से उक्त मौत हुई है। अधिकारियों द्वारा सुरेश नवरंग डॉग स्क्वाइड प्रभारी अचानकमार टाइगर रिजर्व को बुलवा कर शिकारियों तक पहुंचने के प्रयास किए गए।
डॉग स्क्वाड द्वारा बताए गए समीप के ग्राम जर्रा के ग्रामीणों के यहां छापा मार कर शिकार में प्रयुक्त सामग्री जब्त कर कार्रवाई की गई। एसडीओ श्री बसंत ने बताया कि ग्राम जर्रा निवासी प्रसंन (बटो) के घर में जीआई तार बांस की डंडी 2 नग, कांच की शीशी 71 नग तथा बांस की खूंटी, इन्द्रजीत ग्राम जर्रा के घर से लगभग 200 ग्राम जीआई तार एवं अनिल के निवास स्थल से 3 बंडल जीआई तार एवं बांस की खूंटी जब्त किया गया। तथा मौके एवं 1 नग कांच की शीशी जब्त कर पंचनामा जब्तीनामा बनाकर पमृत 1 नग गौर. (बायसन) के शव को सहायक पशु चिकित्सक पिथौरा द्वारा शव परीक्षण किया गया तथा पंचनामा पश्चात घटना स्थल कक्ष कं. 264 में जलाया गया।
आरोपियों के विरुद्ध वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9, 39, 50, 51 एवं भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 33 के तहत मामला दर्ज कर तीनों को जेल भेज दिया गया है।