राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 11 मई। कोरोनाकाल में ठेले-खोमचे कारोबारियों की भी हालत पस्त है। इससे परे पुश्तैनी गुपचुप का कारोबार करने वाले रामबिलास गुप्ता व्यवसायिक समझ के बूते गुपचुप के कारोबार का तरीका बदलकर कोरोनाकाल के दौर में परिश्रम करने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। अपनी समझदारी से ठेले के बजाय मोटर साइकिल में गुपचुप का व्यापार करते हुए गुप्ता रोजाना दिहाड़ी रोजी निकाल रहे हैं।
करीब 24 साल से परंपरागत रूप से सामान्य दिनों में गुपचुप और चाट के व्यापार से गुप्ता अच्छी कमाई करते थे। पिछले डेढ़ साल से कोरोना ने व्यापार को चौपट कर दिया है। गुप्ता का कहना है कि कोरोना से जंग लडऩे के साथ पेट पालना भी एक चुनौती है। वह मोटर साइकिल से चौक-चौराहे में गुपचुप का व्यापार कर परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर रहे हैं। लॉकडाउन के दौरन सुबह 10 से 12 बजे तक दो घंटे के कारोबार में वह ठीकठाक रकम जुटा लेते हैं। गुप्ता की व्यापारिक इच्छाक्ति को देखकर कहा जा सकता है कि ठेले-खोमचे के कारोबारियों के लिए वह एक मिसाल है। (तस्वीर / ‘छत्तीसगढ़’ / अभिषेक यादव)