कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 11 मई। कांग्रेस ने खाद और उर्वरकों के दाम की गयी बढ़ोतरी को आपदा काल में मोदी सरकार के द्वारा की जा रही लूट बताया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि 2022 तक किसानों की आय को दुगुनी करने का वादा कर सत्ता में आई मोदी सरकार किसानों की आय दुगुनी करने के बजाय खेती और किसानों को ही समाप्त करने का षड्यंत्र रच रही है।
पहले किसानों के खिलाफ तीन काले कानून बनाया गया, अब खेती किसानी की सबसे महत्वपूर्ण आश्यकता खाद और उर्वरकों के दामों को 58 फीसदी तक बढ़ा दिया गया है। इंडियन फार्मर फर्टिलाइजर कारपोरेशन (इफको) ने विनियंत्रित खादों के दाम 45 से 58 फीसदी तक बढ़ा दिए हैं। इस वृद्धि के साथ डीएपी के 50 किलोग्राम बैग की कीमत 1,200 रुपये से करीब 58 फीसदी बढक़र 1,900 रुपये हो गई है। हाल के दशकों में खाद कीमतों में यह अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि है।
मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार के उर्वरक मंत्री झूठ बोल रहे कि अभी बढ़ोतरी नहीं होगी, जबकि देश की सहकारी क्षेत्र की सबसे बड़ी उर्वरक निर्माता कंपनी इफको ने बढ़े हुए दामों को उर्वरकों की बोरियों में छपवाना भी शुरू कर दिया है। इफको का कहना है कि उसके पास अभी 11.26लाख टन कॉम्पेक्स खादों का पुराना स्टॉक है, जो पुराने रेट पर बेचा जाएगा। उसके बाद नए रेट लागू हो जाएंगे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार उर्वरकों के दामों में की गई बढ़ोतरी के चौतरफा विरोध के बाद किसानों को लूटने के लिये पिछले दरवाजे से नीति बना रही है। इफको कहती है बढ़े दाम किसानों पर नहीं लागू होंगे, संस्थाओं पर लगेंगे। छत्तीसगढ़ जैसे राज्य जहाँ किसान मार्कफेड और सोसायटियों से खाद खरीदते हैं, उनको तो बढ़ी हुई कीमत पर खाद मिलने वाली है। यदि इफको मार्कफेड को 1200 की खाद 1900 में देगा तो स्वाभाविक है सोसायटियों से किसानों को बढ़ी कीमत पर ही खाद मिलेगी।
मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार और भाजपा को छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सीख लेनी चाहिए कि संकट के समय किसानों की कैसे मदद की जाती है। कोरोना को झेल रहे किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की पहली किस्त प्रदेश के लाखों किसानों को 21 मई को देने जा रहे हैं।