सरगुजा

1990 के बाद 2021 मई के पूर्वार्ध में हुई सर्वाधिक वर्षा
11-May-2021 9:20 PM
1990 के बाद 2021 मई के पूर्वार्ध में हुई सर्वाधिक वर्षा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अम्बिकापुर, 11 मई। लगातार पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण अम्बिकापुर सहित सरगुजा के विभिन्न क्षेत्रों में सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात हल्की हवा व मेघ गर्जना के साथ अच्छी खासी बारिश हुई। इस वर्ष मई माह 2021 की बात करें तो अंबिकापुर में 2 मई से एक-दो दिन के अंतर में वर्षा का क्रम आज तक जारी है। अम्बिकापुर में अब तक मई के पूर्वार्ध में औसत वर्षा 10.6मिमी है। वर्ष 1990 में सर्वाधिक 101.0 मिमी वर्षा हुई थी। वर्ष 1990 के बाद मई वर्ष 2021 सर्वाधिक वर्षा हुई है।

मई माह के पूर्वार्ध में सर्वाधिक वर्षा का वर्ष 1990 में 101.0मिमी, 2018 में 40.5 मिमी, 1998 में 34.0 मिमी हुई थी।इस वर्ष के वर्षा आंकड़े पर नजर डाले तो 3 मई 2021 को 4.2 मिमी,4 मई को 6 मिमी,6 मई को 0.4,7 मई 5.2 मिमी,8 मई 6.7 मिमी,11 मई 19.4 मिमी वर्षा हुई है।कुल 41.9 मिमी वर्षा हुई जो 1990 के बाद सर्वाधिक दूसरा मई पूर्वार्ध का रिकार्ड है।

मौसम जानकार एमएम भट्ट ने बताया कि मई माह की एक तिहाई अवधि गुजर चुकी है और इसका पूर्वार्ध आगामी चार दिनों के अंतराल में गुजर जाएगा। मई का महीना मौसमी दृष्टि से खासा उथल-पुथल का महीना होता है। इधर जहां उत्तर भारत में वायुदाब कम रहता है और भारत के इस छोर से पछुआ हवाएं लगातार आक्रमण करती हैं वहीं सुदूर दक्षिण भारत के अंडमान सागर या अंतिम छोर इंदिरा प्वाइंट के उस पार ऑस्ट्रेलिया के समुद्र पर उच्च वायुदाब क्षेत्र विकसित हो कर हिन्द महासागर के रास्ते दक्षिणी गोलार्ध से भारत की ओर तीव्रता से अग्रसर होने लगता है। जब हिन्द महासागर पर के वायुमण्डल का वायुदाब उत्तर भारत के हिमालयन क्षेत्र और पाकिस्तान-अफगानिस्तान की तुलना में उच्च हो जाता है तो वायु प्रवाह की दिशा में बदलाव आने लगता है। दक्षिण का उच्च वायुदाब क्षेत्र इतना शक्ति प्राप्त कर लेता है कि वह पश्चिम से आने वाली पछुआ हवाओं को आगे बढऩे से रोक देता है। मानसून के आगाज के साथ पछुआ कमजोर पड़ जाता है और अगले चार माह के मानसून अवधि तक भारत में विशेष प्रभाव या खलल नहीं डाल पाता।

इस समय में मौसम चक्र परिवर्तन की गतिविधियां आकार लेने लगीं हैं। पछुआ इस सत्र के अपने अंतिम प्रभाव के साथ बार बार व्यवधान उत्पन्न कर रहा है। अब दक्षिण भारतीय सागरों के वायुदाब उत्तरोत्तर वृद्धि की ओर हैं जो मानसून के संकेत हैं। मई के उत्तरार्ध में इसके अनुकूल प्रभाव दिखने लगेंगे तथा पछुआ क्रमश: कमजोर होता जाएगा।

मई के पूर्वार्ध की स्थिति में तापमान पर नजर डाला जाए तो इस वर्ष अम्बिकापुर नगर का औसतन तापमान 35 डिग्री सेल्सियस रहा।अधिकतम का उच्चतम 38.4 डिग्री सेल्सियस 2 मई को रहा। अधिकतम का न्यूनतम 32.3 डिग्री सेल्सियस 8 मई को रहा।मई के पूर्वार्ध में न्यूनतम तापमान 24.2डिग्री सेल्सियस रहा। वर्तमान वर्ष में आज की स्थिति में औसत न्यूनतम 22.0डिग्री सेल्सियस रहा।

मई में औसत न्यूनतम तापमान के उच्चतम होने का वर्ष और औसत-1973-26.6 डिग्री सेल्सियस, औसत न्यूनतम के निम्नतम मान का वर्ष -1987 21.1डिग्री सेल्सियस, न्यूनतम का उच्चतम दैनिक मान 30.3,14 मई 2002, 29.5 - 3 मई 2009, 29.2- 11 मई 1973 रहा। न्यूनतम का निम्नतम दैनिक-16.1 - 04 मई 1987, 17.8 - 02 मई 1969,18.4 - 15 मई 2018 में था।

इस वर्ष न्यूनतम मई पूर्वार्ध के 11 दिनों का औसत - 22.0 डिग्री सेल्सियस, न्यूनतम का उच्चतम - 25.4 डिग्री सेल्सियस- 02 मई, न्यूनतम का न्यूनतम - 19.2 - 11 मई आज रहा। मौसम के इस उतार-चढ़ाव के कारण 11 मई को

अधिकतम तापमान 33.8 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम 19.2 डिग्री सेल्सियस रहा वहीं वर्षा19.4 मिलीमीटर हुई।

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