महासमुन्द
कई अपराधों के आरोप में बंद थे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 12 मई। महासमुंद जिला जेल से पांच कैदियों के फ रार होने और वापस गिरफ्तार होने की घटना के पांच दिन बाद कल बरोंडबाजार स्थित बाल संप्रेक्षण गृह से हत्या, हत्या की कोशिश, कट्टा बेचने, चोरी जैसे अपराधों के आरोप में बंद चार अपचारी बालकों के फरार होने का मामला सामने आया है। पुलिस ने एक बालक को पकड़ लिया है। यह बालक बलौदाबाजार जिले का रहने वाला है।
जानकारी के अनुसार यह घटना सोमवार रात 11 बजे की बताई जा रही है। जानकारी मिली है कि फरार चारों बालक कोरोना पॉजिटिव हैं। इन बालकों के भागने की जानकारी बाल संप्रेषण गृह के अधिकारी, कर्मचारी, केयर टेकर व गार्ड को नहीं थी। जब जिला सत्र न्यायाधीश व अतिरिक्त न्यायाधीश निरीक्षण के लिए संप्रेषण गृह पहुंचे, तब इन्हें बच्चों के फरार होने की भनक लगी। इसके बाद आनन फानन में घटना की जानकारी कोतवाली पुलिस महासमुंद को दी गई।
कोतवाली थानेदार शेर सिंह बंदे ने जानकारी दी है कि एक बच्चे को पुलिस ने पकड़ लिया है,जबकि बाकी बच्चों की खोज जारी है। फरार बालकों की खोजबीन के लिए सभी पाइंट पर जवान तैनात कर दिए गये हैं। जिले के आसपास जिलों के थाने व अन्य जिलों की पुलिस को भी घटना की जानकारी दे दी गई है ताकि क्षेत्र में घूमते पाए जाने पर ये बच्चे पकड़ में आ जाए। पुलिस के मुताबिक इस वक्त जो पुलिस के हाथ आया है वह इस घटना का मास्टर माइंड यूपी निवासी 16 वर्षीय बालक है, जिसे कट्टा सप्लाई के मामले में बलौदाबाजार पुलिस ने गिरफ्तार कर महासमुंद बाल संप्रेषण गृह भेजा था। जानकारी के अनुसार बरोंडाबाजार संप्रेक्षण गृह में कुल 21 अपचारी बालक रह रहे हैं।
जानकारी अनुसार अपचारी बालकों ने घटना को अंजाम देने के लिए पहले ही प्लान तैयार कर लिया था। सोमवार की रात इन बालकों ने अपने पलंग के सहारे खिडक़ी में लगे ग्रिल को तोड़ा और एक-एक करके चारों बाहर आए। परिसर के भीतर ही पेड़ की एक डाली टूटी हुई मिली जिसका प्रयोग 6 फीट की दीवार में चढऩे के लिए सीढ़ी के रूप में बच्चों ने किया। साथ ही परिसर की चारदीवारी पर लगे कटीले तार के चोट से बचने चारों ने एक तकिए को तार के ऊपर रख दिया और पेड़ की डाल के सहारे एक-एक करके चारों दीवार फांद कर फरार हो गए। घटना रात सोमवार रात 11 बजे की बताई जा रही है।
संप्रेक्षण गृह से मिली जानकारी के अनुसार इन चारों बालकों की तबीयत खराब थी। इसके बाद 30 अप्रैल को चारों का कोरोना टेस्ट कराया गया था। एक मई को चारों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद से चारों को संप्रेक्षण गृह के ही एक अलग कमरे में क्वारेंटाइन किया गया था। चूंकि चारों अपचारी बालक कोरोना पॉजिटिव थे, इसलिए इनके कमरे की ओर कर्मचारी, केयर टेकर व गार्ड ज्यादा नहीं जाते थे। केयर टेकर केवल सामान छोडऩे के लिए कमरे के बाहर जाता और वहीं रखकर वापस आ जाता था। इसी का फायदा उठाते हुए अपचारी बालकों ने भागने का प्लान बनाया।
फरार चारों अपचारी बालक मर्डर, हाफ मर्डर, कट्टा सप्लाई व चोरी के मामले में बाल संप्रेषण गृह में बंद थे। फरार बालकों में एक हत्या के प्रयास, एक चोरी, एक कट्टा बेचने और एक हत्या के मामले में संप्रेक्षण गृह में दाखिल था।
ज्ञात हो कि बाल संप्रेषण गृह से अपचारी बालकों के भागने की यह तीसरी घटना है। इससे पहले भी चार अपचारी बालक दो बार दीवार फांदकर फरार हो चुके हैं। पहले की घटनाओं में फरार बच्चों को पुलिस ने पकड़ कर फिर से संप्रेषण गृह भेज दिया था।
जिला परियोजना अधिकारी ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा गार्ड तैनात हंै जो चारों ओर नजर रखता है। गेट के पास भी वही गार्ड ड्यूटी पर तैनात रहता है। बच्चों को सुधारने के साथ-साथ यहां से जाने के बाद अच्छे कर्म करने के लिए सीख दी जाती है। ताकि छूटने के बाद दोबारा ऐसी घटनाओं को अंजाम न दें।