सुकमा

चिंतलनार में राशन की बर्बादी और गबन का मामला 711 क्विंटल से जुड़ा
12-May-2021 8:55 PM
  चिंतलनार में राशन की बर्बादी और गबन का मामला 711 क्विंटल से जुड़ा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दोरनापाल, 12 मई। सुकमा जिले के चिंतलनार में 711 क्विंटल चावल की गड़बड़ी मामले में ‘छत्तीसगढ़’ द्वारा खबर के प्रकाशन के बाद राशन की गड़बड़ी मामले में कोंटा एसडीएम के निर्देश पर खाद्य विभाग द्वारा चिंतलनार सरपंच मुक्का मंडावी को 10 दिन के भीतर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

 बुधवार को ‘छत्तीसगढ़’ की टीम ने चिंतलनार पोटा केबिन का जायजा लिया और मौके पर राशन खाद्य निरीक्षक द्वारा बताए गए आंकड़े से कम पाया, इतना ही नहीं ‘छत्तीसगढ़’ ने चिंतलनार पहुंच वहां के सरपंच मुक्का से फोन पर भी संपर्क किया और राशन भरे कमरे की चाबी लेकर राशन दिखाने की अपील की, जिस पर सरपंच ने  गोलमोल जवाब देते हुए चाबी कोंटा में होना बताया। साथ ही सीधी वार्ता से भी सरपंच कतराते रहे।

जब ‘छत्तीसगढ़’ की टीम सरपंच के घर पहुंची तो पता चला सरपंच अचानक किसी काम से कोंटा वापस चले गए। लगातार मौके पर आने की अपील के बावजूद वे नहीं आए। जिस वजह से ‘छत्तीसगढ़’ की टीम ने पोटाकेबिन में रखे राशन का निरीक्षण तो किया मगर अन्य राशन  जिनमें गड़बड़ी की आशंका अधिक रही जो निजी मकान में रखा गया है, उस मकान में रखे राशन का निरीक्षण नहीं कर पाई।र्

 ‘छत्तीसगढ़’ ने पोटा केबिन मे खुली खिडक़ी से राशन की गुणवत्ता  चेक करने एक छेद से चावल निकाला,  जिसमें चावल बुरी तरह खराब होना पाया, वहीं अनुमानित चावल से कम चावल देखने को मिला, वहीं अन्य एक कमरे में इसी तरह खराब चावल पड़ा मिला, लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा था कि कुछ दिन पहले ही यहां से चावल का बड़ा स्टॉक उठा हुआ है. आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि यहां से चावल का उठाव राशन दुकान ने किया था।  ‘छत्तीसगढ़’ को 219 क्विंटल की जगह लगभग 400 क्विंटल चावल बुधवार को कम पाया ।

मामला कोरोनाकाल में बंद पोटाकेबिन के लिए अनावश्यक मई और जून 2020 के बीच भेजे गए 576 क्विंटल और पीडीएस के 250 क्विंटल चावल के सडऩे और गायब होने का है, जिसमें अब विभागीय शक की सुई सरपंच की ओर जाती दिख रही है। हालांकि विभाग ने फिलहाल स्पष्टीकरण मांगा है। इस मामले पर ‘छत्तीसगढ़’ ने चिंतलनार सरपंच से फोन पर सम्पर्क करने का प्रयास किया मगर उन्होंने फोन नहीं उठाया।

711 क्विंटल राशन में बड़ी गड़बड़ी की आशंका

ज्ञात हो कि चिंतलनार में केवल राशन की बर्बादी का ही मामला नहीं आया है, बल्कि इन राशन के बड़े खेप से चावल के गायब होने का भी मामला सामने आया है। ‘छत्तीसगढ़’ ने मामले को करीब से समझने पोटाकेबिन चिंतलनार का निरीक्षण किया, जहां बीते सप्ताह एसडीएम के निर्देश पर जांच में पहुंचे खाद्य निरीक्षक विक्रांत नायडू ने 219 क्विंटल चावल कम पाया था, मगर ‘छत्तीसगढ़’ ने कुल 2 कमरों में लगभग डेढ़ सौ क्विंटल चावल ही पाया, जिनमें ज्यादातर राशन खराब देखे गए। निरीक्षण के बाद मौके पर बताए गए राशन में भी कमी की जानकारी भी संबंधित विभाग को ‘छत्तीसगढ़’ ने दी । मामले पर प्रतिवेदन अनुविभागीय अधिकारी कोंटा को भेजा गया।

बताया जा रहा है कि 15 से 20 दिन पहले ही यह दुकान पंचायत को सौंपी गई, जिसके बाद राशन दुकान से राशन का उठाव कर 576 क्विंटल चावल को पोटाकेबिन ले जाया गया और वहीं से 219 क्विंटल चावल भी गायब हुआ है।

राशन साल भर से पड़ा रहा मगर नहीं हुई विभागीय पहल

गौरतलब है कि जून में भेजे गए राशन का निराकरण 1 साल बाद भी नहीं किया जा सका, जिस वजह से राशन की बर्बादी हुई। इस मामले पर तत्कालीन एसडीएम द्वारा पत्राचार के बावजूद विभाग उक्त राशन के निराकरण में नाकाम रहा।  जून 2020 में राशन पीडीएस की दुकान में पहुंचा, जहां से राशन उठाने की जिम्मेदारी स्व सहायता समूह की होती है लेकिन स्कूल पोटाकेबिन बंद होने की वजह से इसका उठाव सम्भव नहीं था। इसमें 400 क्विंटल चावल राशन दुकान में और अन्य 150 क्विंटल चावल जगह न होने की वजह से निजी मकान में रखवाने की बात कही जा रही है। उक्त राशन का 280000 का डीडी बकाया पाया गया था, लेकिन इस डीडी के भुगतान न होने की वजह से 3 माह फरवरी, मार्च, अप्रैल का राशन राशन दुकान नहीं पहुंचा। जिसके बाद राशन दुकान स्व सहायता समूह  को हटाकर  पंचायत को  सौंप दिया गया। दुकान का प्रभार लेने के बाद पंचायत सरपंच द्वारा साल भर से दुकान में पड़े राशन का 1 बड़ा हिस्सा पोटाकेबिन में रखवाया गया औऱ 1 अन्य हिस्सा लगभग 300 बोरा निजी मकान में रखवाया गया है, जिसकी चाबी भी सरपंच के पास ही है ।

एसडीएम कोंटा बनसिंग नेताम का कहना है कि पोटाकेबिन राशन मामले में जांच जारी है, फिलहाल आज सरपंच को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, 10 दिन के भीतर यदि सरपंच से संतोषजनक जवाब नहीं आता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। खाद्य निरीक्षक द्वारा निरीक्षण में पाए गए चावल से कम चावल पाए जाने का मामला मीडिया से मिल रहा है, मैं इसको दिखवाता हूं। यदि वहां चावल कम पाया जाता है तो पंचायत सीधे तौर पर जिम्मेदार होगी और उक्त जिम्मेदार पर कार्रवाई की जाएगी।   

 

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