बिलासपुर

अपोलो सहित तीन अस्पतालों के खिलाफ शिकायत, लापरवाही से हुई मौत
13-May-2021 1:04 PM
अपोलो सहित तीन अस्पतालों के खिलाफ शिकायत, लापरवाही से हुई मौत

लाखों का बिल वसूलने शव रोक बनाया दबाव 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 13 मई।
स्वास्थ्य विभाग ने इलाज में लापरवाही से मौत और ज्यादा बिल बनाने की शिकायत पर तीन अस्पतालों के खिलाफ जांच शुरू की है। इनमें से एक अस्पताल को कोविड मरीजों का इलाज प्रतिबंधित भी किया गया है।

बुधवार को अपोलो अस्पताल में भर्ती 34 वर्षीय तस्लीम बेगम की मौत हो गई। उसे 22 अप्रैल को बच्चेदानी में तकलीफ आने पर भर्ती कराया गया था। परिजनों का आरोप है कि 3 दिन बाद ऑपरेशन करने के बाद डॉक्टर ने बताया था कि उसकी तबीयत ठीक है। उसके बाद कहा गया कि कोविड के चलते वह अस्पताल में न पहुंचे। उसे वीडियो कांफे्रंस से बातचीत कराई जायेगी। वीडियो कांफे्रंस में लगातार उनके पति मोहम्मत इमरान द्वारा पूछा जाता रहा कि उसकी तबियत में उसे सुधार दिख रहा है या नहीं। जब उसने कहा कि वह ऑक्सीजन पर है कुछ सुधार नहीं दिखाई दे रहा है, तब उससे बात कराना बंद करा दिया गया। इस बीच उससे 2 लाख 25 हजार रुपये जमा भी करा लिए गए थे। एक हफ्ते तक कोई अपडेट नहीं दिये जाने पर वे अपोलो गये तो बताया गया कि बच्चेदानी का ऑपरेशन तो ठीक हो गया पर वह कोरोना पॉजिटिव पाई गई है इसलिये उसे कोविड वार्ड में भर्ती कर दिया गया है। इसकी शिकायत भी उन्होंने अतिरिक्त कलेक्टर से की कि आखिर उससे कोरोना पॉजिटिव होने के बाद से बात छिपाई क्यों जा रही है। इस बीच उससे 9 लाख रुपये का बिल और मांगा गया। यह भी कहा गया कि यदि आप यह रकम जमा नहीं करते हैं तो इलाज बंद कर दिया जायेगा। उसकी जानकारी के बगैर इलाज किया गया और अस्पताल प्रबंधन बिल बढ़ाता रहा। बुधवार को अचानक उसे फोन किया गया कि मरीज का पल्स जीरो चला गया है और उसकी मौत हो गई है। सीएमएचओ के हस्तक्षेप के बाद मरीज के शव को छोड़ा गया है। स्वास्थ्य विभाग पीडि़त की शिकायत पर जांच कर रहा है। अपोलो के पीआरओ ने कहा कि इलाज के अनुसार बिल बनाया गया है। महिला के पति द्वारा कही जा रही बात गलत है जांच से सब सामने आ जायेगा।

दूसरी शिकायत स्टार चिल्ड्रन हॉस्पिटल अग्रसेन चौक की है। यहां पर 11 मई को लोरमी के श्रवण कुमार चौहान की मौत हो गई। उसे 15 दिन पहले भर्ती कराया गया था। भर्ती के बाद उसके परिजनों से 2.40 लाख रुपये जमा कराये जा चुके थे। 11 मई को परिजनों को फोन करके बताया गया कि श्रवण कुमार की मौत हो गई है। उसे ढाई लाख रुपये देकर शव ले जाने कहा गया। फोन पर उससे यह भी कहा गया कि बिल का भुगतान किये बगैर उसे शव ले जाने को नहीं दिया जायेगा। परिजनों ने इसकी शिकायत सीएमएचओ से की। 

कोविड के नोडल अधिकारियों की टीम ने अस्पताल में जाकर मरीज के इलाज से सम्बन्धित बिल की जांच की तो पाया कि शासन द्वारा निर्धारित दर से ज्यादा बिल बनाये गये अनावश्यक दवाओं व जांच की बात भी सामने आई। नोडल अधिकारियों के हस्तक्षेप से शव परिजनों के सुपुर्द किया गया। हालांकि अस्पताल प्रबंधन का आरोप है कि जांच दल ने बिल की शेष राशि छोडऩे के लिये कहा। जबकि उन्होंने 15 दिन वेंटिलेटर में इलाज किया और शासन की तय राशि ही ली।

स्वास्थ्य विभाग ने नोडल अधिकारी की रिपोर्ट व अस्पताल प्रबंधन से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर मुंगेली रोड स्थित कृष्णा हॉस्पिटल के खिलाफ भी जांच शुरू की है। भाटापारा निवासी कौशल कुमार की बीते 2 मई को यहां मौत हो गई थी। परिजनों का कहना है कि अस्पताल के स्टाफ ने जान बूझकर ऑक्सीजन की सप्लाई बंद कर दी जिसके चलते उसकी जान गई।   

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