महासमुन्द
5 में से एक आरोपी धनसाय की कहानी
पकड़ाने के बाद किया खुलासा
छत्तीसगढ़ संवाददाता
महासमुंद, 13 मई। डकैती के केस में बंद एक आरोपी ने जेल में कढ़ाई-बुनाई की ट्रेनिंग ली और पत्नी-बच्चों की याद में रूमाल में उनका नाम उकेरा। लेकिन कोरोना संक्रमण से बंदियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर परिजनों से मुलाकात पर रोक लगा दी गई। यह बंदी अपने परिवार को रूमाल देकर जताना चाहता था कि वह अपने परिवार से प्यार करता है। परिवार के बगैर उससे जब रहा नहीं गया तो वह जेल ब्रेक कर भागा और अपने गांव में सीधे पत्नी से मिला। उसे रूमाल दिया, पुलिस से छिपने के लिए जंगल की ओर भागा और पकड़ा गया।
यह कहानी महासमुंद जेल ब्रेक कर भागे पांच आरोपियों में से एक अरंड निवासी धनसाय की है। बीते 6 मई को हुए चर्चित जेल ब्रेक मामले में आरोपियों के पकड़े जाने के बाद पूछताछ में यह खुलासा हुआ है। जानकारी के अनुसार जेल ब्रेक का प्लान डकैती और लूट कांड के मामले में विचाराधीन बंदी राहुल दुबे ने बनाया था। डकैती और लूट के मामले में गाजीपुर यूपी के करण्डा थाना निवासी राहुल दुबे के साथ महासमुंद के पिथौरा थाना क्षेत्र के ग्राम अरंड निवासी धनसाय चौहान और सांकरा थाना के बारिकपाली निवासी डमरू को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। तीनों को 18 जुलाई 2019 को जेल भेज दिया गया था। तीनों की पहले ही दोस्ती थी। इस बीच कोरोना संक्रमण के कारण जेल में बंदियों के परिजनों से मिलने पर रोक लगा दी गई थी। इसके चलते पिछले एक साल से धनसाय समेत कोई भी अपने परिजनों से नहीं मिल पा रहा था। जेल में धनसाय ने ही अपने हाथों से कारीगरी कर अपनी पत्नी के लिए रूमाल तैयार किया था।
धनसाय ने अपने साथी राहुल और डमरू को बताया कि उसने अपनी पत्नी के लिए कारीगरी कर रूमाल तैयार किया है और उसे वो अपनी पत्नी को देना चाहता है। धनसाय ने अपनी पत्नी के लिए कसीदा कढ़ाई कर एक खूबसूरत रूमाल तैयार किया, उसमें अपनी पत्नी केतकी और खुद का नाम उकेरा है। जबकि दूसरे रूमाल में उसने कढ़ाई कर संतोष और भूमि नाम लिखा है। धनसाय का नाम संतोष भी है और वो अपनी पत्नी को भूमि के नाम से बुलाता है। दोनों की शादी साल 2016 में हुई थी और उनके दो बेटे भी हैं।