रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 13 मई। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी डॉ. एस भारतीदासन ने कोविड 19 में ड्यूटीरत शासकीय अधिकारियों- कर्मचारियों के निधन पर संवेदनशीलता के साथ उनके परिजनों को तत्काल अनुकंपा नियुक्ति और अनुदान प्रदान करने के निर्देश दिए है। निर्देशों के परिपालन में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी अधिकारी
डॉ. गौरव कुमार सिंह ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उरला मे संविदा स्टॉफ नर्स के पद पर कार्यरत स्व. नीलकंठ चंद्राकर को राष्ट्रीय नर्सेज दिवस पर श्रद्धांजलि व्यक्त की । उन्होंने स्व. नीलकंठ चंद्राकर की पत्नी श्रीमती खुशबू चन्द्राकर को अनुकम्पा अनुदान एवं अनुग्रह भुगतान के रुप में पांच लाख पचास हजार का चेक प्रदान किया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मीरा बघेल ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के समस्त संविदा कर्मचारियों के लिये वर्तमान में प्रचलित मानव संसाधन नीति - 2018 के तहत् किसी अधिकारी अथवा कर्मचारी की कार्यालयीन सेवा के दौरान दुर्घटना-नक्सली हमला-आकस्मिक मृत्यु होने पर उनके परिवार के लिये 1 वर्ष के मासिक मानदेय के समतुल्य सहयोग राशि अथवा 5 लाख जो भी अधिक हो प्रदाय किया जाने का प्रावधान है। इसी प्रकार उसके आश्रित परिवार के नामांकित सदस्य को एक मुश्त 50 पचास हजार रूपये अनुकंपा अनुदान दिए जाने का प्रावधान है।
उल्लेखनीय है कि नीलकंठ चंद्राकर 5 सितम्बर 2018 से स्टॉफ नर्स, एनयूएचएम के पद पर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उरला में पदस्थ थे। वर्तमान में वे कोविड टेस्टिंग एवं कोविड तथा नॉन कोविड दोनों सेवायें शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उरला में दे रहे थे। सेवा के दौरान अस्पताल में आने वाले मरीजों के संपर्क में आने से वे संक्रमित हुए। स्वास्थ्य बिगडऩे पर तत्काल उनके परिवार के सदस्यो ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। उपचार के दौरान उनकी मृत्यु 16 अप्रेल को हो गई थी। उनका प्रकरण स्वीकृत के लिए राज्य शासन को भेजा गया जहां से उन्हें तत्काल स्वीकृति प्राप्त हुई।
श्रीमती खुशबू तथा उनके परिवार के सदस्यों ने तत्परतापूर्वक अनुकंपा अनुदान राशि स्वीकृत किए जाने पर राज्य शासन एवं जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मीरा बघेल ने सभी कर्मचारियों से अपील की कि इस प्रकार के प्रकरण संज्ञान में आने पर त्वरित सूचना संस्था प्रभारी को देना चाहिए जिससे उनके परिवार को यह सहयोग राशि तत्काल प्रदान की जा सकें। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रारंभ होने के बाद यह अनुग्रह राशि के भुगतान का जिले में प्रथम प्रकरण है। इसका प्रावधान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के 2018 के मानव संसाधन नीति में किया गया है।