बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सरसीवां, 14 मई। अंचल के लोगों ने छत्तीसगढ़ सरकार से कोरोनाकाल तक दिल्ली और केरल सरकार जैसे आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग की है। लोगों ने कहा कि देश में ताला बन्दी की वजह से हम सबका काम धंधा बंद हो गया है जिसके कारण हम सब आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहे हैं, ऐसे में हमें कोरोना काल तक प्रति माह राशन सामग्री लेने के लिए नगदी या 5 हजार रुपए तक की राशन सामग्री प्रदान किया जाए।
एक ओर कोरोना संक्रमण गांव से लेकर शहर तक तेजी से फैल रहा है। जिसके फलस्वरूप शासन और प्रशासन लगातार लॉकडाउन बढ़ाते जा रहा हैै। जो कि बीमारी न फैले व भीड़ को रोकने के लिए एक उचित एवं सराहनीय कदम साबित हो रहा है, वहीं दूसरी ओर इस आपदा में जो लॉकडाउन की स्थिति बनी है उससे सभी का काम धंधा बंद हो जाने से निम्न वर्ग, मध्यम वर्ग, मजदूर एवं वाहनों के ड्राईवर चूड़ी ,मनिहारी, खोंचा दुकान, पान ठेला तथा गरीब वर्ग के लोग के सामने जीवन जीने की चुनौती बन गई है। अब छत्तीसगढ़ सरकार से आर्थिक मदद करने की मांग उठ रही है।
पिकरी पाली का मनोज एक कंट्रक्शन कंपनी में काम करता था, 35 हजार रूपए मासिक मिलते थे। वे पिछले साल हुए लॉकडाउन के समय से दिल्ली से अपने घर वापस लौट आया है। कई महीने बीत गए पूरा काम धंधा बंद है,निजी स्थानों के काम करने वाले कर्मचारियों के भी सैलरी भी बंद हो गई है ऐसे में उनका घर खर्च कैसे चलेगा। वे बताते हैं कि यदि सरकार कोई मदद नहीं करेगी अपने घरेलू खर्च के लिए तो थोड़ी बहुत जो पूर्वजों का जमीन बचा हुआ है उसे (खेत )बेचना मजबूरी हो जाएगी।
इसी तरह मुड़पार का ही वाहन चालक शंकर साहू, ताराचंद साहू, सुंदर रत्नेश का कहना है कि पिछले साल की आपदा से काम धंधा बंद हो गया है अब उनको पैसे मिलना बंद हो गया है परिवार चलाना अब बहुत मुश्किल हो गया है, इन्हें चिंता है कि राशन सामग्री के लिए पैसे कहां से आएंगे। इसी तरह क्षेत्र के अनेको पुरुषों एवं महिलाएं हाथों में चूड़ी पहनाने का व साथ-साथ छोटी-छोटी मनिहारी दुकान का धंधा कर अपना पेट पालते थे, वह भी इस तालाबंदी के कारण बंद है ऐसे में गरीब तबके के लोगो को जीवन यापन करने वाले को जीविका जीने में भारी कठिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
समीपस्थ ग्राम बिलासपुर निवासी पिलादाऊ पेशे से निजी वाहन चालक हैं। पिछले साल से उनका काम धंधा बंद हो गया कई दुकानों से राशन सामग्री उधार ले रखे हैं अब उधारी इतनी हो गई है कि अब कोई भी दुकान दार राशन सामग्री उधारी देने से आनाकानी कर रहे हैं।
रोहिना के परमेश्वर साहू पेशे से वाहन चालक हैं। इनका भी इस कोरोना से पूरा काम धंधा चौपट हो गया है। इनको भी परिवार पालने में परेशानी हो रही है। इनके जैसे समस्या से जूझ रहे विधानसभा बिलाईगढ़ में बड़ी की संख्या में गरीब लोगों को मदद की सख्त जरूरत है।