रायपुर
रायपुर, 14 मई। सक्षम छत्तीसगढ़ प्रांत, कोपल वाणी, हरसंभव फाउंडेशन, छत्तीसगढ़ महिला मंच के संयुक्त तत्वावधान में मातृत्व दिवस पर परिचर्चा आयोजित की गई। सक्षम की प्रांत महिला प्रमुख इंदिरा जैन ने उपस्थित अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया। सक्षम संस्था की लोक कला संस्कृति गायिका प्रान्त प्रमुख लक्ष्मी करियारे ने छत्तीसगढ़ी गीत अरपा पैरी के धार प्रस्तुत किया।
स्त्री रोग विशेषज्ञ, रिटायर्ड उपसंचालक स्वास्थ विभाग डॉ. शीला गोयल ने मातृत्व दिवस की महत्ता बताते हुए इस दिवस की शुरुआत कैसे हुई बताया। आपने कहा भारतीय संस्कृति सृजन एवं संवेदना की संस्कृति है इसका मूर्त रूप है नारी। मां नारी का पूजनीय एवं वंदनीय रूप है। मां जिसका पूरा अस्तित्व सृजन एवं संवेदना के स्पंदनों से बना है। मां एक छोटा सा शब्द नहीं संपूर्ण ग्रंथ है। सहायक प्राध्यापक एवं साहित्यकार डॉ. मीता अग्रवाल ने मातृत्व दिवस की महत्ता पर अपने विचार रखते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में प्रत्येक दिवस मातृत्व दिवस होता है क्योंकि हम एक दिन नहीं हर पल मां की वंदना करते हैं।
अभिलाषा मानसिक विकास केंद्र की डायरेक्टर अनुराधा दुबे ने अपना वक्तव्य रखते हुए कहा कि मां के द्वारा बच्चों को दिए गए संस्कार ही उसके जीवन में परिलक्षित होते हैं। आज की युवा पीढ़ी को स्नेह और अपनेपन की जरूरत है। स्वस्थ माँ, स्वस्थ शिशु इस विषय पर डॉ. शालिनी जैन अग्रवाल ने अपने विचार रखते हुए बताया की शिशु के स्वस्थ होने में गर्भावस्था के दौरान की गई देखभाल का बहुत बड़ा महत्व है, उन्होंने कहा कि गर्भवती मां को स्वस्थ व प्रसन्न रखने में परिवार के अन्य सदस्यों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।