रायपुर
दूधाधारी मठ में मनाई गई अक्षय तृतीया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 14 मई। रायपुर के हृदय स्थल में स्थित श्री दूधाधारी मठ तथा इससे संबंधित सभी मठ मंदिरों में अक्षय तृतीया का पर्व बड़े ही श्रद्धा भक्ति के साथ मनाया गया इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष तथा दूधाधारी मठ एवं श्री शिवरीनारायण मठ पीठाधीश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास महाराज ने मठ मंदिर की परंपरा के अनुसार विधिवत पूजा अर्चना की, शीतल जल से भरा हुआ घड़ा स्थापित करके गौरी गणपति की आराधना की गई।
सभी देवी- देवताओं के आह्वान के पश्चात संपूर्ण जगत के पालनहार भगवान लक्ष्मी नारायण की विशेष पूजा अर्चना की गई उन्हें सत्तू, ऋतु फल, मेवा, मिष्ठान का भोग अर्पण किया गया। अपने संदेश में राजेश्री महन्त महाराज ने कहा कि अक्षय तृतीया का पावन पर्व सनातन धर्मावलंबियों के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। इस दिन किया गया प्रत्येक कार्य शुभ माना गया है।
इस तिथि को पूरे देश में मांगलिक कार्य पूर्ण होते हैं, यह भगवान श्री हरि को समर्पित है, भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का यह जन्मोत्सव दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन साधक गण व्रत रखकर भगवान की आराधना करके अपनी मनोवांछित फल प्राप्त करते हैं। अक्षय तृतीया के व्रत से प्राप्त पुण्य हमेशा अक्षय बना रहता है। अर्थात इस का क्षरण या नाश नहीं होता। भारतवर्ष में इस दिन कृषि कार्यों का शुभारंभ भी किया जाता है। उन्होंने अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर संपूर्ण देशवासियों तथा छत्तीसगढ़ प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी।
उल्लेखनीय है कि अक्षय तृतीया का पर्व प्रत्येक वर्ष वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाया जाता है। इसे लोग भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम के जन्मोत्सव के रूप में भी बड़े धूमधाम के साथ मनाते हैं। श्री दूधाधारी मठ में पूजा अर्चना श्री कृष्ण बल्लभ शर्मा ने संपन्न कराया।
इस अवसर पर विशेष रूप से मठ मंदिर के मुख्तियार राम छवि दास, रामतीरथ दासजी, राम प्रिय दास, राम रतन दास, राम मनोहर दास, रामेश्वर मिश्रा, राम मोहन दास, उमेश पुरी गोस्वामी, गुड्डा, मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित थे।