बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 15 मई। कोरोना संक्रमित मरीजों में डर कम करने और मनोबल बढ़ाने के लिए बालोद जिले के जैन समाज द्वारा समाज की ओर से संचालित महावीर आइसोलेशन सेंटर में हर रोज विशेष आयोजन किया जाता है। हर रोज डिस्चार्ज होने वाले मरीजों का सम्मान भी किया जाता है। ऐसे ही जैन समाज का नया अंदाज अक्षय तृतीया के अवसर पर देखने को मिला। जहां समाज के लोगों ने आइसोलेशन सेंटर में छत्तीसगढ़ी रीति रिवाज के साथ कोरोना मरीजों की शादी की गई।
दरअसल कोरोना ने धूमधाम से होने वाली शादियों पर ग्रहण लगा दिया है। कोरोना काल में होने वाली शादियों के लिए प्रशासन कड़ा रुख अपनाते हुए 10 लोगों को ही शादी में शामिल होने की अनुमति दे रही है। ऐसे में महज औपचारिकता पूरी कर कई शादियां हो गई जिसमें से चिरईगोड़ी गांव के कोरोना संक्रमित दम्पत्ति भी हंै, जो अब जैन समाज द्वारा संचालित महावीर आईटीआई आइसोलेशन सेंटर में है।
जैन समाज के लोगों ने अक्षय तृतीया के दिन कोरोना मरीजों के मनोरंजन के लिए गुड्डा-गुड्डी के विवाह करने का निर्णय लिया। इसी बीच चिरईगोड़ी के कोरोना संक्रमित दंपत्ति ने अपने विवाह का प्रस्ताव रखा। जिसके बाद आइसोलेशन सेंटर में ही इस दंपत्ति का विवाह छत्तीसगढ़ी रीति रिवाज के अनुसार बड़े ही धूमधाम के साथ कोरोना मरीजों ने किया।
शादी में लगने वाली सभी सामग्रियों की सूची जैन समाज के पदाधिकारियों को मरीजों ने सौंपी, जिसके बाद सभी सामग्रियां कोरोना मरीजों को दे दी गई। शादी में कोरोना मरीज ही बाराती बने थे, तो वहीं कोरोना मरीजों ने ही दुल्हन के घरवाले बन कर विदाई दी।