महासमुन्द
विश्व परिवार दिवस पर विशेष
घर में एक दूसरे का मनोबल बढ़ाया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 15 मई। आज विश्व परिवार दिवस है। कोरोना संक्रमण काल में कई ऐसे परिवार हैं, जिन्होंने मिलकर कोरोना को मात दी है। यही नहीं कोरोना संक्रमण के इस दौर ने पारिवारिक रिश्तों को मजबूती भी दी है। शहर में कई ऐसे भी परिवार है, जहां सदस्यों को कोरोना हो गया। लेकिन पूरा परिवार एक होकर संक्रमित को हौसला देते रहा। एक परिवार तो ऐसा है जहां दादी मां के पुराने नुस्खे से कोरोना उन तक पहुंच नहीं पाया है। कोरोना काल में पूरे परिवार ने इसे अपनाया। काढ़ा, गरम पानी, योगा, तुलसी सहित अन्य इम्यूनिटी बढ़ाने वाली चीजों का इस्तेमाल करते हुए पूरा परिवार आज भी कोरोना से दूर है।
शहर में एक परिवार ऐसा है, जहां 22 लोग एक साथ एक ही छत के नीचे रहते हैं। यह संयुक्त परिवार कांग्रेस नेता आलोक चंद्राकर का है। अपने तीन भाई सुरेश, पवन व संतोष चंद्राकर,ए मां लीलादेवी के साथ एक ही घर में निवास करते हैं। इस परिवार में 80 साल से लेकर एक साल की उम्र तक के सदस्य हैं। हाल ही में परिवार में तीन लोग कोरोना से संक्रमित हो गए थे। तीनों ने घर में ही रहकर कोरोना को मात दिया।
इसी तरह गंजापारा स्थित पार्षद देवीचंद राठी का भी परिवार एक साथ एक ही छत के नीचे निवास करता है। इनके परिवार में 75 साल से 10 साल के उम्र के सदस्य रहते हैं। लेकिन इस परिवार के किसी भी सदस्य को संक्रमण के इस दौर में अब तक कोरोना नहीं हुआ। क्योंकि पूरा परिवार दादी मां के पुराने नुस्खों का उपयोग करता है। पार्षद ने बताया कि जब से कोरोना का संक्रमण फैला है तब से पूरा परिवार गरम पानी, काढ़ा, रात में हल्दी वाला दूध पीता आ रहा है। इस परिवार में पार्षद के बढ़े भाई ताराचंद्र की बेटी शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक भी है। उनसे भी समय समय पर सलाह ली जाती है।
ज्ञात हो कि कोरोना की दूसरी पारी ने कोरोना वॉरियर्स एवं उनके परिजनों को भी गिरफ्त में लिया। कर्तव्यों में डटे रहे कर्मचारी से कोरोना संक्रमण परिजनों तक पहुंचने लगा था। लेकिन इस घड़ी में परिवार ने एक दूसरे का मनोबल बढ़ाया।
प्रधान आरक्षक प्रकाश सिंह ठाकुर के परिवार में एक साथ 10 सदस्य संक्रमित थे। स्वयं व पूरे परिवार के सदस्यों ने इस विकट परिस्थितियों में साथ देकर कोरोना संकट बाहर निकल आए।