बलौदा बाजार

सामाजिक जागरूकता और प्रशासनिक सख्ती,
15-May-2021 7:42 PM
 सामाजिक जागरूकता और प्रशासनिक सख्ती,

    अक्ती पर नहीं हुए बाल विवाह    

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 15 मई। बाल विवाह के लिए प्रसिद्ध अक्ती पर्व पर इस साल जिले में बाल विवाह होने की कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है। समाज में इस विषय मे आई जन जागरूकता और प्रशासनिक सख्ती के कारण यह सम्भव हुआ है। जबकि पिछले साल इस दिन 2 प्रकरण दर्ज किए गए थे। कलेक्टर सुनील जैन के मार्गदर्शन में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पिछले लगभग एक महीने से बाल विवाह की सामाजिक बुराई को जड़-मूल से खत्म करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान लगभग डेढ़ दर्जन बाल विवाह रोकने में विभाग को कामयाबी भी मिली है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी एल.आर.कच्छप ने बताया कि जिले में दीवार नारा लेखन और सार्वजनिक मुनादी के जरिये व्यापक जन-जागरूकता फैलाई गई। गांवों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा लगभग 34 हजार से ज्यादा दीवार लेखन कार्य किया गया है। कोटवारों की मदद से मुनादी भी की गई। बाल विवाह संबंधी कानूनी प्रावधान एवं इसके कुप्रभाव की जानकारी प्रसारित की गई। उन्होंने बताया कि  ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों का सहयोग भी इस बार जागरूकता अभियान में लिया गया है। ग्राम पंचायत वार विवाह पंजी का संधारण अनिवार्य रूप से करने का निर्देश दिये गये है। 

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने स्वयं अखती के एक दिन पूर्व  ग्रामीण क्षेत्र में जायजा लेने के लिए विकास खण्ड कसडोल अंतर्गत ग्राम छाता, बिलारी ज, कुरमाझर, कुशभाठा सोनपुर, बरपानी, नगरदा ग्रामों का दौरा किया। उन्होंने भ्रमण दौरान पंचायत के सरपंच, सचिव, विभिन्न समाज प्रमुखों और स्थानीय जनों से भेंटकर गांवो में होने वाली विवाहों के संबंध में चर्चा की।

 ग्रामीणों ने बताया कि सामाजिक जागरूकता और प्रशासन की सख्ती के कारण गांव में बाल विवाह नहीं हो रहे हैं जो कि अच्छी पहल है।

 बाल विवाह कानून के तहत बाल विवाह कराने वाले को दो वर्ष की कारावास अथवा जुर्माना जो कि 1 लाख रूपये तक हो सकता है अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है।

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