कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 15 मई। बुधवार को लापता हुए बुजुर्ग का शव गुरुवार की शाम गांव के पास से ही बहने वाली नदी में मिला। शुक्रवार को बयानार थाना पुलिस के साथ मृतक के परिजनों ने कागजी कार्रवाई पूरा करने के बाद शव लेकर गांव से जिला अस्पताल पहुंचे, जहां पोस्टमार्टम किया गया।
जानकारी अनुसार, विकासखंड कोण्डागांव अंतर्गत बयानार थाना क्षेत्र के आदनार गांव के सुखधर कोर्राम (56)की गांव के पास से ही बहने वाले भंवरडीही नदी में डूबने से मौत हो गई। उसके शव को लेकर कोण्डागांव के जिला अस्पताल आरएनटी में पोस्टमार्टम करवाने पहुंचे परिजनों के अनुसार, 12 मई को सुखधर कोर्राम पड़ोसी तोतर गांव गए थे। तोतर जाने के लिए भंवरडीही नदी को पार करना होता है। लौटने के दौरान नदी का बहाव तेज हो गया। नदी को पार करने के लिए पुल नहीं होने से वे नदी के बहाव में फंस गए, और डूब गए। घर नहीं लौटने पर परिजनों ने तलाश शुरू किया, जिसके बाद गुरुवार को उनका शव नदी में मिला।
सुखधर कोर्राम के परिजनों की मानें तो, वे अपने परिवार का काफी ध्यान रखा करते थे। बुधवार को भी वे अपने निर्माणाधीन मकान के लिए काफी परेशान थे। परिवार के लिए बना रहे मकान के लिए उनके पास रुपयों की कमी हो गई थी, जिसकी पूर्ति के लिए तोतर में रहने वाले अपने रिश्तेदारों के पास उधार मांगने के मकसद से निकले थे।
पिकअप-ट्रैक्टर ही होता है, हर बार शव वाहन
कोण्डागांव जिले के सुदूर अंचल में रहने वाले ग्रामीण शायद ही जानते होंगे कि, शव को भी सह-सम्मान अस्पताल तक ले जाया जाना होता है, क्योंकि मर्दापाल बयानार आदि अंदरूनी क्षेत्रों के ग्रामीणों के लिए अस्पताल तक शव को परीक्षण के लिए ले जाने के लिए मालवाहक वाहन ट्रैक्टर या पिकअप की ही सुविधा अब तक मिल पाई है। इस बार भी सुखधर कोर्राम के शव को तीसरे दिन गांव के एक पिकअप के सहारे कोण्डागांव के जिला अस्पताल परीक्षण के लिए लाया जा सका।
ग्रामीणों की माने तो, अदनार से जिला मुख्यालय कोण्डागांव पहुंच मार्ग तोतर होते हुए इसलनार, बम्हनी मुश्किल से 20 किमी लंबा सफर है। आदनार-तोतर के बीच बहने वाले भंवरडीही नदी पर आज तक पुल नहीं बन पाने के कारण इस सफर को ग्रामीण बयानार से होते हुए लगभग 60 किमी के लंबे घुमावदार सफर को तय कर पूरा करते हैं। ग्रामीणों की मानें तो, पूर्व भाजपा सरकार में मंत्री व क्षेत्र के विधायक रह चुके केदार कश्यप ने पुल निर्माण के लिए भूमि पूजन भी किया था, लेकिन भाजपा शासन काल में इस पुल का निर्माण कार्य भी प्रारंभ नहीं हो पाया। समस्या शासन बदलने के बाद भी जस की तस बनी हुई है। अब कांग्रेस की सरकार आने के बाद इस ओर किसी ने पहल तक नहीं किया है। ग्रामीणों की समस्या जस की तस बनी हुई है। यह ग्रामीणों को जीवन के साथ-साथ मृत्यु के बाद भी कठिन संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है।
आपातकालीन व शव वाहन की सुविधा पर सीएमएचओ डॉ. टीआर कुंवर ने कहा, बयानार, मर्दापाल क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्र में पहले ही एंबुलेंस की सुविधा दी गई है। यहां 108 और 102 की भी सुविधा ऑनकॉल उपलब्ध है। यही नहीं 102 को सप्ताह के 3 दिन बयानार, मर्दापाल के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रखे जाने के लिए कहा गया है। डॉ. कुंवर ने बताया, स्थानीय थाना क्षेत्र पुलिस लोकल व्यवस्था के तहत शव के लिए वाहन की व्यवस्था करती है।