रायगढ़
खरसिया, 16 मई। कोरोना संक्रमण के दौर में रासायनिक खादों की कीमतें में 58 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है। इससे धान, सब्जी और अन्य फसल लेने वाले किसानों की परेशानी बढ़ जाएगी। खरसिया के कृषक नेताओं ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए रासायनिक उर्वरक कंपनियों की इस मनमानी की निंदा करते हुए बेतहाशा मूल्य वृद्धि पर रोक लगाए जाने का आग्रह किया है।
खरसिया के किसान नेता सुकदेव डनसेना, अभय महांती, मनोज गबेल, नेत्रानंद पटेल ने नए रासायनिक उर्वरकों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि किए जाने पर अपना विरोध प्रकट किया है। उनके अनुसार डी अमोनियम फॉस्फेट के लिए किसानों को प्रति बोरा 700 रुपए अतिरिक्त देना होगा। ऐसे में किसानों की उत्पादन लागत बढ़ जाएगी और उनका लाभ कम हो जाएगा। डीएपी खाद का बाजार मूल्य वृद्धि करके केंद्र सरकार कोरोना काल में किसानों से लूट कर रही है।
करोना काल में किसान ऐसे ही परेशान हैं, उस पर रासायनिक उर्वरकों में मूल्य वृद्धि करके किसानों की जान लेने की तैयारी की जा रही है। यदि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कभी अपने जीवन मे कृषि कार्य धान गेहूं व अन्य फसल लगाते तो इन्हें स्वयं मालूम होता कि किसान किस हाल में है। इसलिए केंद्र सरकार किसानों को भी लूट सके उतना लूटने का प्रयास कर रही है।
खरीफ सीजन 2021 में इसका मूल्य बढ़ाकर 1900 रुपए प्रति बोरी कर दिया गया है। जबकि बीते एक साल से कोरोना महामारी के चलते आम लोगों के साथ-साथ किसान भी परेशान हैं। ऐसी स्थिति में डीएपी सहित अन्य रासायनिक उर्वरकों के दामों में वृद्धि के चलते किसानों पर दोहरी मार पड़ेगी और वह खरीफ सीजन के लिए खाद खरीदने में असहाय हो जाएंगे। खरसिया के कृषक नेताओं ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए रासायनिक उर्वरक कंपनियों की इस मनमानी और बेतहाशा मूल्य वृद्धि पर रोक लगाए जाने का आग्रह किया है।