बालोद
दल्लीराजहरा, 16 मई। बालोद जिला किसान संघ के अध्यक्ष जनकलाल ठाकुर ने जारी बयान में कहा कि वर्तमान समय में विश्व के साथ-साथ भारत देश भी कोरोना महामारी की चपेट में है। देश की आम जनता, किसान एवं उनका पूरा परिवार बहुत मुश्किल से कोरोना संक्रमण काल का सामना कर रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार कृषि रासायनिक खादों के कीमतों में एक तरफा 54 से 60 प्रतिशत तक की वृद्धि कर किसानों के साथ कुठाराघात किया है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष मौसम की मार झेल रहे किसान भी बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि से रवि की फसल में काफी नुकसान उठा रहे हैं, ऐसे में किसानों को उम्मीद थी कि रवि की फसल में हुए नुकसान को वे खरीफ की फसल में अच्छी उत्पादन कर भरपाई कर लेंगे। लेकिन सरकार द्वारा किसानों के खेतों में उपयोग उपयोग की जानें वाली रासायनिक खादों में की गई बेतहाशा वृद्धि तो किसानों के कमर तोडऩे जैसी मंशा को जाहिर कर रही है एवं दुबल को आषाढ़ वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है। क्योंकि ये किसान अपने खेतों में जब से फसल बोआई करते हैं। तब से लेकर फसल कटने तक खाद, कीटनाशक दवाई में ही उनके फसल उत्पादन में 75 से 80 प्रतिशत कृषि उत्पादन की हिस्सा का रकम खर्च हो जाता है, जिससे उन्हें अपना परिवार पालना भी दुभर हो जाता है।
जिला किसान संघ के अध्यक्ष ने बताया कि रसायनिक खादों में बढ़ाई गई कीमतों में डीएपी 1200 रुपए से 1850 रुपए, पोटास 850 रुपए से 1000 रुपए, एमपीए 1175 रुपए से 1800 रुपए एवं सुपर फास्फेट 340 रुपए से 400 रुपए तक वृद्धि कर दी गई है।