बिलासपुर
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
बिलासपुर 18 मई। जांजगीर जिले के आरक्षक पुष्पराज सिंह की मौत की सीबीआई जांच कराने की मांग तूल पकड़ रही है। इसके लिए सोशल मीडिया पर पर चलाये जा रहे अभियान में पुलिस जवान भी उतर गए हैं। परिवार के लोगों ने कहा कि मजिस्ट्रेरियल जांच पर उन्हें भरोसा नहीं है वे कम से कम सीबीआई जांच चाहते हैं।
ज्ञात हो कि बीते गुरुवार की रात जांजगीर में पदस्थ आरक्षक पुष्पेंद्र सिंह की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। पुलिस जांच के अनुसार देर रात तेज गति से स्कूटी में चल रहे आरक्षक की स्कूटी आंधी पानी के बीच सड़क पर गिर गई। सड़क पर एक तार टूटकर गिरा हुआ था, जिसमें उसकी गर्दन फंस गई, जिसके चलते उसकी मौत हो गई।
संयोग से एक दिन पहले ही आरक्षक ने सक्ती के थाना प्रभारी के खिलाफ फेसबुक पर पोस्ट डाली थी कि वह एक लाख रुपये की घूस लेकर जुआ का फड़ चलाने वालों का संरक्षण दे रहा है। पहले के पोस्ट में आरक्षक ने अपनी बर्खास्ती और सस्पेंड करने की धमकी मिलने की बात कही है। बीते साल एक पोस्ट उसने यह भी डाली थी कि यदि कभी भी उसकी जान जाती है तो इसके लिये एसपी जिम्मेदार होंगीं।
मृतक के भाई जगदीश सिंह ने एक वीडियो जारी करके कहा है कि घटना के दिन शाम के समय पुष्पेंद्र ने उसे फोन करके अपनी जान का खतरा बताया था। उसने कहा था कि सक्ती थानेदार के खिलाफ उसके पास वीडियो में स्टिंग ऑपरेशन के सबूत हैं। रात में समिति वाले जुआ के अड्डे पर छापा भी मारने वाले हैं। उक्त परिस्थितियों को देखकर यह दुर्घटना प्रतीत नहीं होती बल्कि गहरी साजिश रचकर उसकी हत्या की गई है। पुष्पेन्द्र ने बीते दो तीन के भीतर पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और गड़बडिय़ों को लेकर कई पोस्ट की थी। इसके चलते उसे अपने सेवाकाल में 6 बार निलम्बित फिर बहाल भी किया गया है। यह भी जानकारी मिली है कि मई के पहले हफ्ते में एडिशनल एसपी ने पुष्पेन्द्र के खिलाफ जांच शुरू की है। जिसमे एक शिकायत यह भी है कि उसने मुलमुला थानेदार को थप्पड़ मारने वाले सिपाही की तारीफ की थी। दूसरी जांच उसके बिना विधिवत अवकाश लिये ड्यूटी में नहीं पहुंचने की शुरू की गई।
कुछ समय पहले पुष्पेंद्र सिंह ने फेसबुक में पोस्ट डाली थी जिसमें कहा था कि अगर मेरी जान जाती है तो इसके लिए जांजगीर की एसपी जिम्मेदार होंगी। परिजनों का कहना है कि लगातार पुलिस विभाग में व्याप्त गड़बडिय़ों को लेकर आवाज उठाने के कारण यह हादसा हुआ है और इसकी जांच एसडीएम से कराया जाना उन्हें मंजूर नहीं है। सीबीआई जांच से कम में वे नहीं मानेंगे। ज्ञात हो कि पुष्पेंद्र सिंह ने अपने एक साल का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में पिछले दिनों दान किया था जिसकी तारीफ मुख्यमंत्री और गृह मंत्री ने की थी। पुष्पेंद्र सिंह के समर्थन में उनके साथी के जवान सामने आए हैं और उन्होंने अपने हाथों में पोस्टर लेकर तस्वीरें फेसबुक पर पोस्ट की है जिसमें मांग की गई है कि आरक्षक पुष्पराज सिंह के आकस्मिक मृत्यु की सीबीआई जांच की जाए, ईमानदार आरक्षक पुष्पेंद्र सिंह को न्याय मिले। पुष्पेंद्र सिंह के परिजनों ने भी इसी तरह का अभियान चलाया है।