बीजापुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 21 मई। केंद्र की मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से सत्ता की लालसा में भाजपा फर्जी टूलकिट के जरिए देश और कांग्रेस पार्टी को एक साजिश के तहत बदनाम करने का घृणित काम कर रही है। भाजपा फर्जी टूल किट को अपने कार्यकर्ताओं को भेज कर हिंदुस्तान को समूची दुनिया में बदनाम करने व देश की छवि को खराब करने का षडय़ंत्र रच रही है।
यह बात जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता ज्योति कुमार ने विज्ञप्ति जारी कर कही हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस समय देश व प्रदेश कोविड-19 के संकट से निपटने की पूरी कोशिश कर रहा है। वहीं भाजपा के तमाम नेता चाहे राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हो या पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह हो या पूर्व मंत्री केदार कश्यप एवं महेश गागड़ा हो, अपना इतिहास दोहराते हुए भारत के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहे है। और देश के मूल मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने भाजपा फज़ऱ्ी टूल किट का प्रचार करने में लगी है।
हालिया समय में भाजपा और उनके तमाम नेताओं ने सोशल मीडिया में देश के खिलाफ जितना दुष्प्रचार किया है। वह सब फर्जी टूल किट दस्तावेज का मूल हिस्सा है।
श्री कुमार ने कहा कि यह हमेशा देखा गया है कि जब भाजपा सत्ता में हो या फिर न हो वह ऐसी हरकतें करती रहती है जिसे देश विरोधी कहा जा सकता है। भाजपा की ऐसी देश विरोधी साजिश की जितनी निंदा की जाए, वह कम है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा का फर्जी टूल किट का सच अब मीडिया जगत में भी उजागर हो चुका है। भाजपा मीडिया में बने रहने के लिए देश व कांग्रेस पार्टी के खिलाफ फर्जी टूलकिट का इस्तेमाल कर रही है।जिसे देश की जनता समझ चुकी है। अब देश की जनता भाजपा के झूठ और जुमलों से पूरी तरह ऊब चुकी है।
डीएपी खाद के मूल्य को वापस लेना संघर्ष का परिणाम
देश व प्रदेश का प्रत्येक किसान कांग्रेस पार्टी, देश के नेता राहुल गांधी, प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल एवं पीसीसी प्रमुख मोहन मरकाम को धन्यवाद ज्ञापित कर रहा हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ज्योति कुमार का कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी की अगुवाई में देश व प्रदेश के करोड़ों किसान और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने डीएपी खाद की बढ़ी हुई क़ीमतों को वापस लेने लगातार संघर्ष कर रहे थे। राहुल गांधी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल के निर्देशन व पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम के नेतृत्व में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आक्रामक विरोध और संघर्ष किया।जिसका परिणाम यह हुआ कि केंद्र की मोदी सरकार को डीएपी खाद के बढ़े हुए क़ीमतों को वापस लेना पड़ा।