कवर्धा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कवर्धा, 23 मई। कोइलारीकापा में नाबालिग बालिका की गुपचुप तरीके से शादी कराने की सूचना महिला एवं बाल विकास विभाग को मिली। जिस पर महिला एवं बाल विकास विभाग जिला बाल संरक्षण इकाई, पुलिस विभाग, महिला सेल पुलिस एवं ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति के सदस्यों की टीम ने संयुक्त रूप से बालिका के घर जाकर बालिका की शैक्षणिक अंकसूची का परीक्षण करने पर बालिका की आयु 17 वर्ष 10 माह पाया गया, जो कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत् विवाह योग्य उम्र से कम है। टीम द्वारा बालिका की विवाह 18 वर्ष होने के पश्चात विवाह करने के लिए बालिका एवं उनके परिजनों को समझाइश दिया गया।
बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी एवं परियोजना अधिकारी बाल विकास सेवा परियोजना पण्डरिया राजेन्द्र गेंदले ने मौके पर उपस्थित लोगों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि 21 वर्ष कम उम्र के लडक़े और 18 वर्ष से कम उम्र की लडक़ी के विवाह को प्रतिबंधित किया गया है। बाल विवाह जैसे सामाजिक बुराई को समाज से समूल समाप्त करने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत बाल विवाह करने या कराने वाले वर एवं वधु के माता-पिता सगे संबंधी, बाराती यहां तक पुरोहित पर भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, इसमें कड़ी सजा का भी प्रवाधान जो 2 वर्ष का कठोर कारावास अथवा जुर्माना हो 1 लाख रूपये तक हो सकता है अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है।
पुलिस विभाग के महिला सेल प्रभारी रमा कोष्टी ने लोगों को बताया कि बाल विवाह केवल एक सामाजिक बुराई ही नहीं अपितु कानूनन अपराध भी है। बाल विवाह के कारण बच्चों में कुपोषण, शारीरिक दुर्बलता, शिक्षा का अभाव, मानसिक विकास में रूकावट, हिंसा व दुव्र्यवहार, समयपूर्व गर्भवस्था, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर के साथ घरेलू हिंसा में भी वृद्धि होती है, इसलिए इससे बचे।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने दोनों पक्षों को समझाइश देने के बाद नाबालिक बालिका व परिवार जनों ने शादी रोकने सहमति दी, जिस पर बाल विवाह रोकथाम दल ने विवाह स्थल पर पंचनामा एवं घोषणा पत्र तैयार कर बाल विवाह रूकवाया।
बाल विवाह रोकथाम के दौरान राजेन्द्र गेंदले, बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी एवं परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा परियोजना पण्डरिया, रमा कोष्टी प्रभारी महिला सेल पुलिस, सत्यनारायण राठौर जिला बाल संरक्षण अधिकारी, श्रीमती भारती पाल पर्यवेक्षक, सुरेश साहू, सामाजिक कार्यकर्ता जिला बाल संरक्षण इकाई, पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति के सभी सदस्य एवं थाना पण्डातराई की टीम उपस्थित थे।