कोरबा

जमानत के लिए फर्जी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट, दो सिपाही निलंबित, दो अन्य पर एफआईआर
24-May-2021 9:34 PM
जमानत के लिए फर्जी कोरोना पॉजिटिव  रिपोर्ट, दो सिपाही निलंबित, दो अन्य पर एफआईआर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 24 मई।
अवैध शराब बेचने वाले दो आरोपियों को कोर्ट से जमानत दिलाने के लिए कोरबा पुलिस के दो आरक्षक ने झूठी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट बनवा कर शुक्रवार को कोर्ट में प्रस्तुत किया। इस मामले में कोर्ट ने आरोपियों को जमानत नामंजूर करते हुए जेल भेजने के पूर्व उपचार के लिए कोविड अस्पताल भेज दिया। अन्य कोरोना मरीजों के साथ उपचार कराने की बात सुनकर जब आरोपियों के परिजनों ने हंगामा किया, तब मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद दोनों आरक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। वहीं जिला अस्पताल के डेटा एंट्री ऑपरेटर व एक नगर सैनिक पर एफआईआर दर्ज किया गया है।

 मानिकपुर  पुलिस द्वारा 21 मई को 47 लीटर अवैध शराब के साथ पकड़े गए लहूरा यादव और मुकेश सोनी को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने आरोपियों की जमानत नामंजूर करते हुए जेल वारंट जारी किया। कोर्ट के आदेश पर दोनों आरोपियों को कोविड-19 अस्पताल ले जाया गया जहां बवाल मचा। दरअसल इन्हें पकडऩे वाले मानिकपुर पुलिस चौकी के आरक्षक योगेश राजपूत एवं दीप नारायण त्रिपाठी ने कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट न्यायालय में पेश कर जमानत दिलवा देने का भरोसा दिलाया था। इसके लिए 21 मई को आरोपियों को लेकर दोनों पहले जिला अस्पताल पहुंचे। आरोपियों के मुताबिक वे गाड़ी में ही बैठे थे और दोनों आरक्षक अस्पताल के भीतर गए। कुछ देर बाद बिना जांच के ही इनकी पॉजिटिव रिपोर्ट लेकर आरक्षक बाहर निकले। रिपोर्ट तो बन गई पर मामला कोर्ट में बिगड़ गया। मामला उजागर होने के बाद पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने जांच कराने की बात कही। दोनों आरक्षकों को निलंबित कर लाइन अटैच कर दिया गया।

कोतवाली टीआई दुर्गेश शर्मा ने बताया कि प्रारंभिक पड़ताल में जिला अस्पताल में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर हरजीत सिंह राठौर और जिला अस्पताल पुलिस चौकी में पदस्थ नगर सैनिक मनोज निर्मलकर को कोविड-19 के संबंध में मिथ्या दस्तावेज तैयार करने का जिम्मेदार पाया गया है। मिथ्या दस्तावेज बनाने के जुर्म में धारा 167 और दुष्प्रेरण के लिए धारा 109 भादवि के तहत रामपुर चौकी में अपराध दर्ज कर लिया गया है। दूसरी और दोनों आरक्षकों की भूमिका को भी तलाशा जा रहा है। जांच उपरांत इन पर उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन में विधि सम्मत कार्यवाही तथ्यों के आधार पर की जा सकेगी।

ज्ञात हो कि अवैध शराब के आरोपियों को कोरोना  पॉजिटिव रिपोर्ट जारी की गई है उसकी आईडी फर्जी है। उक्त आईडी नंबर की किट 21 मई को ही पोड़ीबहार निवासी रामकुमार श्रीवास 40 वर्ष के नाम पर और दूसरी आईडी नीलगिरी बस्ती दर्री निवासी अनीता साहू 21 वर्ष के नाम पर जारी हुई थी और इन दोनों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इन्हीं की आईडी को अवैध शराब के दोनों आरोपियों के नाम जनरेट कर पॉजिटिव की फर्जी रिपोर्ट तैयार की गई थी।
 

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