कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 25 मई। कोरिया जिले के भरतपुर-सोनहत विधानसभा के केराबेहरा में 70 मामले ग्लूकोमा के पाए गए हैं। जनपद पंचायत मनेन्द्रगढ़ के अध्यक्ष डॉ विनय शंकर सिंह अब सभी के ऑपरेशन के लिए रायपुर ले जाने और वंशाुनगत चली आ रही इस बीमारी की रोकथाम के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों से सलाह ले रहे हैं, ताकि उनकी आने वाली पीढ़ी को इस बीमारी से बचाया जा सके। इस दौरान कई पीडि़तों के आंखों से आंसू छलक आए, रोते-बिलखते पीडि़तों ने कहा कि कोई तो हमारी सुध लेने आया। उनकी आपबीती सुन डॉ विनय शंकर सिंह भी स्तब्ध रह गए।
इस संबंध में जनपद पंचायत अध्यक्ष डॉ विनय शंकर सिंह ने बताया कि जैसे ही उन्होंने ‘छत्तीसगढ़’ की खबर पढ़ी उन्होंने तत्काल सीएमएचओ को टीम बनाकर भेजने को कहा और मामले को स्वयं संज्ञान लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम के खरला और केराबेहरा गया। खबर में बताया गया था कि केराबेहरा में एक ही परिवार इस बीमारी से पीडि़त है, मैं एक चिकित्सक होकर इस बात से हैरान था, जिसके बाद मैंने स्वयं टीम के साथ घर घर सर्वे किया, जिसमें 70 मरीज और ग्लोकोमा के पाए गए है। इनकी आर्थिक स्थिति भी काफी खराब है। समय रहते इनकी रोशनी जाने से बचाना है, इसके लिए मैंने प्रयास शुरू कर दिया है। मेरा पूरा फोकस ग्रामीणों की आने वाली पीढ़ी में इस बीमारी के असर को रोकने पर है।
जानकारी के अनुसार भरतपुर सोनहत विधानसभा के केल्हारी से कुछ दूरी स्थित ग्राम केराबेहरा में एक परिवार के सदस्यों की 18 से 19 वर्ष होने के बाद रौशनी जाने की जानकारी भाजपा की महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष उर्मिला नेताम से सामने लाई, ‘छत्तीसगढ़’ ने बेहद संवेदनशील मामले का प्रकाशन किया, जिसके बाद मामले में हडक़ंप मच गया। मनेन्द्रगढ़ जनपद पंचायत के अध्यक्ष डॉ विनय शंकर सिंह दूसरे दिन टीम के साथ दोनों ग्राम का दौरा किया। स्वयं एक चिकित्सक होने के कारण केराबेहरा पहुंच कर लगभग 3 घंटे से ज्यादा समय रहकर उन्होंने वहां घर-घर सर्वे किया। उन्होंने पाया कि यहां के ग्रामीण 18-19 वर्ष के होने के बाद इस बीमारी के शिकार हो रहे है, जिसके कारण इन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने जिला पंचायत सीईओ से चर्चा की और सीईओ जनपद पंचायत को निर्देशित किया कि सभी बीमार लोगों का डेटा संधारित कर इनके इलाज की रणनीति बनाए जाए।
दरअसल, केराबेहरा में मिले 70 ग्लोकोमा पीडि़त लोगों का जीवन अंधेरे में होता जा रहा है, यदि समय पर इनका ऑपरेशन नहीं हुआ तो कईयों की आंखों की रौशनी चली जाएगी, जिसका डर यहां के युवाओं को समा गया है, जब जनपद पंचायत मनेन्द्रगढ़ के अध्यक्ष डॉ विनय शंकर सिंह घर घर पहुंचे तो लोग अपनी समस्या बताते हुए रोने लगे, उन्होंने बताया कि कोई उनकी सुध लने नहीं आता है, आप आए तो एक आस जगी है, आंखों की रोशनी जाने के बाद यहां किसी की शादी नहीं हो पाती है, आखों के चले जाने की बात मालूम होने बाद कोई रिश्ता लेकर भी उनके गांव नहीं आता है। उनका समाज उन्हें नहीं अपनाता है। वहीं काम पर भी कोई नहीं रखता है, जिसके कारण उनका जीवन एकदम अंधकारमय हो गया है।
भरतपुर सोनहत विधानसभा में विकास की स्थिति तब सामने आई जब ग्रामीणों ने बताया कि जहां वो निवासरत है उसके ढाई किमी क्षेत्र में कहने को तो दो हैंडपंप है परन्तु पानी दोनों में नहीं आता है, पूरा गांव ढाई किमी दूर स्थित केवई नदी से पीने का पानी लाता है, वहीं सब नहाने जाते है, गर्मी और बारिश में यहां की स्थित और भी खराब हो जाती है। जिसके बाद डॉ विनय शंकर सिह ने जनपद पंचायत के सीईओ को तत्काल उक्त गांव में हैंडपंप लगाने के निर्देश दिए। पानी की समस्या के समाधान के लिए उन्होनें जिले के उच्चाधिकारियों से भी चर्चा की।
केराबेहरा पहुंचें डॉ विनय शंकर सिंह ने ग्रामीणों के इलाज की पर्ची देखी। उन्होने बताया कि ग्लोकोमा बीमारी का इलाज भी काफी महंगा है, एक एक आई ड्राप 1300 से 1500 रू की कीमत से कम का नही है। ऐसे में जब ग्रामीणों के पास कोई काम नहीं है, वो कैसे इतना महंगा इलाज करवा पाएगें। दवाईयों का खर्च और इलाज के लिए विशेष रणनीति बनाकर इन्हें लाभ पहुंचाया जाएगा।