बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दल्लीराजहरा, 4 जून। कर्मचारियों के विभिन्न मुद्दों पर सेल प्रबंधन के अडिय़ल एवं नकारात्मक रवैये के खिलाफ 1 जून को समूचे सेल में स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (सीटू) के आह्वान पर समस्त इकाइयों में धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया। इसी आह्वान के अंतर्गत लौह अयस्क खान समूह राजहरा में खदान कर्मचारियों ने सीटू के नेतृत्व में माइंस ऑफिस के सामने जोरदार प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन में कर्मचारियों ने सेल प्रबंधन के एकतरफा, अडिय़ल और नकारात्मक रवैया के खिलाफ जमकर नारेबाजी की तथा चेतावनी दी कि यदि जल्दी से जल्दी सम्मानजनक वेतन समझौता, कोरोना से मृत कर्मचारियों के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति, और सेल पेंशन योजना को यथावत रखने का निर्णय नहीं लिया गया, तो कर्मचारी हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य होंगे।
इस अवसर पर सीटू यूनियन के अध्यक्ष प्रकाश क्षत्रिय ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों का असर सेल प्रबंधन पर स्पष्ट दिखाई दे रहा है। जिस तरह केंद्र सरकार मजदूर विरोधी नीतियों को लागू करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रही है, उसी तरह सेल प्रबंधन भी कर्मचारी विरोधी निर्णय तेजी से ले रहा है। उन्होंने कहा कि फरवरी माह के बाद से अब तक जितनी भी एनजेसीएस बैठक हुई हैं, सभी में प्रबंधन ने एक ही रटा- रटाया प्रस्ताव दिया है। प्रबंधन का वर्तमान प्रस्ताव किसी भी हालत में कर्मचारियों के हित में नहीं है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह अपने तथा अपने परिवार की जान जोखिम में डालकर कंपनी और देश की सेवा करने वाले कर्मचारी जिनका कोरोना में निधन हुआ है, उन्हें अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने के मामले में प्रबंधन ने अब तक कोई फैसला नहीं किया है। यह प्रबंधन की संवेदनहीनता का स्पष्ट उदाहरण है। सेल प्रबंधन ने हाल ही में सेल पेंशन योजना को बिना यूनियनों से चर्चा किए एनपीएस में बदलने का एकतरफा फैसला लिया है जो हमें किसी भी हालत में मंजूर नहीं है।
इस प्रकार प्रबंधन की कार्यशैली से स्पष्ट है कि प्रबंधन हर तरीके से द्विपक्षीय वार्ता एवं समझौतों के सम्मान से पीछे हट रही है। द्विपक्षीय वार्ता एवं आपसी सहमति की गौरवशाली परंपरा को दरकिनार कर कंपनी मेंऔद्योगिक अशांति का वातावरण पैदा किया जा रहा है।
वहीं यूनियन के सचिव पुरुषोत्तम सिमैया ने कहा की अब तक हुए तमाम वेज रिवीजन में यूनियनें ठेका मजदूरों के वेज रिवीजन की बात लगातार उठाती रही है और उनके योगदान को नजरअंदाज नहीं किया गया। लेकिन इस बार प्रबंधन ठेका मजदूरों के वेतन बढ़ोतरी के संबंध में पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं। इससे स्पष्ट है कि सेल प्रबंधन ठेका मजदूरों के योगदान को नजरअंदाज करने की कोशिश कर रही है, जिसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
यूनियन के उपाध्यक्ष विनोद मिश्रा ने कहा कि वेज रिवीजन के मुद्दे पर प्रबंधन द्वारा एरियर्स नहीं दिए जाना, और ग्रेज्युटी सीलिंग करने की शर्त लगाई लगाया जाना बेहद शर्मनाक है। ग्रेज्युटी सीलिंग और एरियर्स न लेने की शर्त पर वेज रिवीजन का हम कभी भी समर्थन नहीं करेंगे। एरियर्स और असीमित ग्रेज्युटी सेल कर्मचारियों का अधिकार है, जिसे हम किसी भी हालत में नहीं छोड़ सकते। उन्होंने कहा कि यदि प्रबंधन सेल में द्विपक्षीय वार्ता एवं सहमति के परंपरागत रास्ते को छोडक़र एकतरफा कदम बढ़ाने की कोशिश करेगी, तो सेल के समस्त कर्मचारी पूरी लामबंदी के साथ प्रबंधन के खिलाफ हड़ताल पर जाने के लिए तैयार है।
इस प्रदर्शन के दौरान ही यूनियन के प्रतिनिधि मंडल ने एक 10 सूत्रीय मांग पत्र सेल चेयरमैन एवं डायरेक्टर भिलाई इस्पात संयंत्र के नाम महाप्रबंधक प्रभारी(खदान) को सौंपा। इस मांग पत्र में स्पष्ट रूप से मांग की गई है कि 1 जनवरी 2017 से पूरा एरियर्स दिया जाए । ग्रेज्युटी सीलिंग किसी भी हालत में मंजूर नहीं है। 5 वर्ष का वेतन समझौता किया जाए, पिछले वेज रिवीजन के बराबर एमजीबी का प्रस्ताव प्रबंधन द्वारा दिया जाए, कोविड-19 से मृत कर्मचारियों के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए, सेल पेंशन योजना को एनपीएस में बदले जाने संबंधित फैसला वापस लिया जाए तथा सेल पेंशन योजना में 6 प्रतिशत योगदान सुनिश्चित किया जाए।
ठेका मजदूरों का वेतन समझौता एनजेसीएस में ही किया जाए, पिछले दिनों वेज रिवीजन की मांग को लेकर आंदोलनरत भिलाई एवं बोकारो के जिन कर्मचारियों को दमनकारी नीति के तहत निलंबित या दंडित किया गया है उनका निलंबन और दंड तत्काल वापस लिया जाए । सीटू यूनियन द्वारा वेज रिवीजन के मुद्दे को लेकर पिछले कुछ दिनों से लगातार जन जागरूकता अभियान के माध्यम से लामबंदी कर हड़ताल की तैयारी की जा रही है।