दन्तेवाड़ा

ग्राम स्वरोजगार से 165 युवकों को रोजगार
04-Jun-2021 6:15 PM
ग्राम स्वरोजगार से 165 युवकों को रोजगार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दंतेवाड़ा, 4 जून। जिला प्रशासन ने एक अनूठी परिकल्पना ’’ग्राम स्वरोजगार’’ पर कार्य करना प्रारंभ किया है। इस योजना के तहत सर्वे दल द्वारा ग्रामों में सर्वे कार्य कराया गया जिसमें ग्रामों मे बेरोजगारी की स्थिति बेरोजगारों की संख्या, ग्रामों में जनसंख्या के आधार पर ग्राम की दैनिक आवश्यकताएं बेरोजगारों का विभिन्न कार्यो में दक्षता का आकलन उनके विभिन्न रोजगार के प्रति लगाव की जानकारी को एकत्रित किया गया। प्राप्त जानकारियों का विश्लेषण कर ग्राम में रोजगार की उपलब्धता एवं संभावनाएं पर कार्य योजना निर्माण कर ’ग्राम स्वरोजगार’ पर कार्य प्रारंभ किया हैं। शुरूआत में जिला प्रशासन ने प्रत्येक विकासखण्ड के 5-5 पंचायतों को इन योजना से जोड़ा, जिसमें  20 पंचायतों के कुल 121 हितग्राहियों को शामिल किया गया। इन हितग्राहियों का चयन जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा सभी चयनित 20 पंचायतों में जाकर सरपंच, सचिव आदि की उपस्थिति में हितग्राहियों की कांउसलिंग कर किया।

योजना के प्रांरभ में 24 ग्राम पंचायतो के 86 हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया गया। 29 मई को 26 ग्राम पंचायतों के 79 हितग्राहियों को ग्राम स्वरोजगार केन्द्र के तहत दुकान एवं 50 हजार रूपये का ऋण प्रदाय किया गया।  जिले के दुरस्थ नक्सल प्राभावित क्षेत्रों में निवासरत लोगों को इसमें लाभ पहुंचाया गया। इन ग्राम पंचायतों में केसापुर, कुम्हाररास, मेढोली, चितालंका, बड़े हड़मा मुडा, श्यामगिरी, निलावाया, हलबारास हिरानार, आलनार, मासोढ़ी, बड़े तुमनार, चेरपाल, कारली, हारम, बागांपाल, कासोली, बारसूर, भूसारास , टेटम, तेलम, गाटम, बेगरूल, परचेली, पखनाचुआं, ऐटेपाल, बड़ेबेड़मा, मोखपाल, कटेकल्याण, बड़े गुडरा, चदेनार, गामावाड़ा, चितालुर, नेटापुर, फरसपाल, गोटपाल, समलूर, समेली, गढ़मिरी शामिल है।

जिला प्रशासन द्वारा गांव के अप्रशिक्षित बेरोजगारों को उनके रूचि एवं ग्राम की आवश्यकता अनुरूप विभिन्न तरह के दैनिक जरूरतों के दुकान जैसे किराने की दुकान, सायकल मोटर सायकल की दुकान, नाई की दुकान, कम्प्यूटर-फोटोकॉपी तथा मोबाईल रिपेयर की दुकान, टि.वी रिपेयर कि दुकान, सब्जी की दुकान आदि स्वरोजगार हेतु प्रशिक्षण करवाया तथा ’स्वरोजगार’ हेतु आवश्यक सहयोग राशि एवं जिला प्रशासन की विभिन्न योजनाओं के द्वारा उपलब्ध करवायी जा रही है। ग्राम स्वरोजगार हेतु पंचायतों की भूमिका बहुत ही अहम है। पंचायत द्वारा स्वरोजगार हेतु पंचायत के भवन या पंचायतों में भवन उपलब्ध नहीं  हैं तो पंचायत द्वारा निर्मित अन्य भवन की मरम्मत कर बिजली फिटिंग या शेड निर्माण इत्यादि वैकल्पिक भवन की व्यवस्था कर रही है तथा पंचायतों में संचालित छात्रावास, आश्रम एवं पोटाकेबिन में उनकी आवश्यक सामाग्री का क्रय गांव के स्वरोजगार केन्द्रों से ही किये जाने हेतु प्रेरित किया जाता है तथा इन केन्द्रों तक सामाग्री की उपलब्धता आसान व सहज हो सके इस हेतु पंचायते जिला प्रशासन कि सहयोग से केन्द्रों तक पक्की सडक़ो का निर्माण कर रही है।

जिला प्रशासन के ’ग्राम स्वरोजगार’ योजना का लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है उनकी दैनिक आवश्यताओं की पूर्ति उनके गांव में ही रही है तथा बेरोजगारों को स्वरोजगार के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त हो रहा है।

प्रत्येक व्यक्ति इस योजना से कम से कम गांव एवं परिवार में रहते हुए 5 से 10 हजार रूपये का धनार्जन करने में सक्षम हुआ है। इन योजनाओं से हो रहे लाभ हेतु ग्रामीण व हितग्राहियों ने प्रशासन के इस प्रयास के लिए धन्यवाद दिया है।

जिले में है 234 गांव

दन्तेवाड़ा जिलें में 234 ग्राम है। ग्रामों के निवासी अपने जीविकोपार्जन हेतु वनोपज, पशुपालन एवं कृषि पर निर्भर है। ग्रामीण कृषि कार्य के लिए मानसून पर निर्भर रहते है जो वर्ष में 4-5 माह ही चलता है, साथ ही वनोपज के संग्रह का कार्य भी सीमित अवधि के लिए ही होता है, शेष माह वे रोजगार विहिन रहते हैं। रोजगार विहिनता के करण लोगों का रूझान अन्य असमाजिक कार्यो की ओर बढ़ता है। मुख्यमंत्री के लोकवाणी में इस बात को विशेष पहल करने पर जोर दिया है कि छत्तीसगढ़ का प्रत्येक व्यक्ति आत्मनिर्भर बने हर व्यक्ति के पास काम हो रोजगार हो तभी सही मायने में ग्राम राज्य एवं राष्ट्र आत्मनिर्भर बन सकेगा।

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