कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 4 जून। छग प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी ने अनुकंपा नियुक्ति आदेश में 3 वर्ष के परिवीक्षा अवधि में रखे जाने एवं परिवीक्षाधीन अवधि के प्रथम द्वितीय एवं तृतीय वर्ष में नियुक्त पद के वेतनमान के न्यूनतम का 70, 80, एवं 90 प्रतिशत राशि स्टाईपेंड के रूप में देने का उल्लेख को गलत बताया।
उनका कहना है कि छग शासन ने कोरोना काल में राज्य के बिगडते वित्तीय स्थिति के दृष्टिगत छग मूलभूत नियम के नियम 22 सी-1 में संशोधन करते हुए सीधी भर्ती के पदों पर चयनित शासकीय सेवकों के लिए यह प्रावधान लागू किया गया था, अनुकंपा नियुक्ति में कोई सीधी भर्ती द्वारा चयनित नही होता है अनुकंपा से नियुक्त शासकीय सेवक पर सीधी भर्ती से चयनित शासकीय सेवक का प्रावधान लागू नही करना चाहिए।
उनका कहना है कि सामान्य प्रशासन विभाग छग शासन के आदेश 14 जून 2013 एवं 23 फरवरी 2019 के कंडिका 9-1 एवं 2 में अनुकंपा नियुक्ति हेतु सीधी भर्ती की नियमित पद्धति से छूट रहने एवं सीधी भर्ती पर लागू प्रतिबंध में छूट रहने का उल्लेख है।
इस आधार पर सीधी भर्ती के स्थिति में 3 वर्ष परिवीक्षा अवधि में रखे जाने एवं वर्षवार देय स्टाईपेंड का प्रतिबंध से अनुकंपा नियुक्ति में लागू नही होना चाहिए।
फेडरेशन के उप प्रांताध्यक्ष राजेंद्र सिंह एवं कोरिया जिला अध्यक्ष रविन्द्र नाथ तिवारी का कहना है कि अनुकंपा नियुक्ति में छूट देकर मुख्यमंत्री छग शासन ने कोरोना महामारी में दिवंगत शासकीय सेवकों के परिवार को सहारा दिया है लेकिन विभगीय अधिकारियों द्वारा अनुकंपा नियुक्ति को परिवीक्षा अवधि में किया जा रहा है उनका कहना है कि अनुकंपा नियुक्ति को परिवीक्षा अवधि एवं स्टाईपेंड अंतर्गत किया जाना अनुचित है।
उन्होने बताया कि वित्त विभाग के अधिसूचना 28 जुलाई 2020 में यह उल्लेख है कि सीधी भर्ती के पदों पर चयनित शासकीय सेवकों को तीन वर्ष की परिवीक्षा अवधि में स्टाईपेंड देय होगा।
गौरतलब है कि अनुकंपा नियुक्ति में कोई चयनित नही होता है। अनुकंपा नियुक्ति सीधी भर्ती के न्यूनतम नियमित पद पर किया जाता है लेकिन यह नियुक्ति सीधी भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत नही होता है। उन्होने जानकारी दी कि वित्त विभाग के अधिसूचना 28 जुलाई 2020 के पहले एवं बाद मेे अनुकंपा नियुक्ति के अनेक आदेश जारी हुए है जिनमें परिवीक्षा अवधि में नियुक्त का उल्लेख नही है विगत वर्षो में जारी हुए सभी अनुकंपा नियुक्ति आदेशों में परिवीक्षा अवधि का उल्लेख नही है जबकि मूलभूत नियम 22 सी -1 के तहत सीधी भर्ती को परिवीक्षा अवधि में 2 वर्ष के लिए किया जाता था। इस समय भी अनुकंपा नियुक्ति को परिवीक्षा अवधि में नियुक्त नही किया गया था उन्होने जानकारी दिया कि वर्तमान में राज्य के वित्तीय स्थिति के दृष्टिगत मूलभूत नियम 22 सी-1 में उल्लेखित दो वर्ष के परिवीक्षा अवधि को संशोधित कर 3 वर्ष कर दिया गया है साथ ही वित्तीय संतुलन को बनाने के उद्देश्य से क्रमागत वर्ष अनुसार देय स्टाईपेंड का उल्लेख वित्त विभाग के अधिसूचना 28 जुलाई 2020 एवं वित्त निर्देश 21-2020 दिनॉक 29 जुलाई 2020 में किया गया है जो कि प्रचलित भर्ती प्रक्रिया अंतर्गत सीधी भर्ती के प्रकरणों के लिए लागू है विगत वर्षो में सीधी भर्ती को परिवीक्षा अवधि में किया जाता रहा है लेकिन अनुकंपा नियुक्ति को इससे पृथक रखा गया था वर्तमान में अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण को सीधी भर्ती के शर्तो से पृथक रखा जाना चाहिए।