बालोद

पर्यावरण की सुरक्षा करना हम सभी का नैतिक कर्तव्य
05-Jun-2021 6:35 PM
पर्यावरण की सुरक्षा करना हम सभी का नैतिक कर्तव्य

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दल्लीराजहरा, 5 जून। 
विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को मनाया जाता है। पर्यावरण की सुरक्षा करना हम सभी का नैतिक कर्तव्य है और भावी पीढी को स्वच्छ एवं स्वास्थ पर्यावरण की सौगात देने के लिए हम सभी को वर्तमान में पर्यावरण के संरक्षण के प्रति गंभीरता से अपने अपने दायित्वों का निवहन करना है। इसी कड़ी में लोगों को पर्यावरण के संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए नगर के पर्यावरण प्रेमी एवं जनप्रतिनिधियों नें अपनी राय व्यक्त की है।

प्रकृति में संतुलन बनाने करना होगा प्रयास- प्रदेश की महिला बाल विकास एवं समाज कल्याण मंत्री अनिला भेंडिया ने कहा कि पर्यावरण के नकारात्मक प्रभाव को रोकना और लोगों को सकारात्मक भूमिका के लिए प्रेरित करना ही विश्व पर्यावरण दिवस का उद्देश्य है। समूचे विश्व में प्रदूषण और गलोबल वार्मिंग के कारण दिन प्रतिदिन पर्यावरण की स्थित गिरती जा रही है। इस धरती में जीवन के बेहतर भविष्य के लिए सभी को मिलकर पर्यावरण बनाना होगा।पर्यावरण को स्वच्छ बनाये रखनें में हम सभी को अपनी अपनी जिम्मेदारी निभानी है, पर्यावरण स्वच्छ बना रहेगा तभी इस धरती में दीध काल तक जीवन संभव है।

जागृति लाने के लिए मनाया जाता है पर्यावरण दिवस-बालोद जिला कांग्रेस कमेटी की उपाध्यक्ष संगीता नायर नें कहा कि पर्यावरण शब्द का निर्माण दो शब्दों परि और आवरण से मिलकर बना है जिसमें परि का मतलब है हमारे आसपास अर्थात जो हमारे चारों और है।आवश्यक जो हमें चारों और से घेरे हुए हैं। पर्यावरण उन सभी भौतिक, रसायनिक एवं जैविक कारकों की कुल ईकाई है जो किसी जीवधारी अथवा परितंत्रीय आबादी को प्रभावित करते हैं तथा उनके रुप, जीवन और जीविता को तय करते हैं।

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित पर्यावरण दिवस के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनैतिक और समाजिक जागृति लाने के लिए मनाया जाता है। इसकी शुरुआत वर्ष 1972 में 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा विश्व पर्यावरण सम्मेलन से हुई थी। 5 जून 1973 को पहला पर्यावरण दिवस मनाया गया था। हम सभी को इस दिन कम से कम एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए।

वृक्षारोपण के साथ पौधों का करें रोपण- भाजपा प्रदेश महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष शीतल नायक नें कहा कि 5 जून को हम पर्यावरण दिवस मनाते हैं मानव का पर्यावरण से अटूट रिश्ता है, हमारी मूलभूत आवश्यकता भी पर्यावरण है। इस दिन हम कुछ पौधे लगाकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर देते हैं लेकिन यह उचित नहीं है। हमें पेड पौधों का संरक्षण भी करना है, तभी वृक्षारोपण का महत्व है। उन्होंने कहा कि हम सभ मिलकर इस पर्यावरण दिवस पर पौधे लगानें के साथ साथ यह संकल्प लें कि लगाये गए सभी पेड पौधों के संरक्षण लें और इस संकल्प को ईमानदारी के साथ निभायें तभी हम सही मायने में पर्यावरण को संरक्षित करनें में सफल हो सकेंगे।

अधिक पेड़ पौधे लगायें पर्यावरण बचायें -मंत्री प्रतिनिधि पीयूष सोनी नें कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस पर हम सभी को अपने घर के आंगन व आसपास तथा रहवासी क्षेत्र में खाली पड़ी जगहों में अधिक से अधिक पौधे का रोपण करें और उन पौधों के बडे होनें तक उनका संरक्षण व संवधन में अपना योगदान दें। तभी हम आने वाली पीढी को स्वच्छ एवं स्वस्थ वातावरण का उपहार दे सकेंगे, जिससे कि इस धरती में भावी पीढी का जीवन एवं भविष्य बेहतर हो सके।

मानवीय मूल के कारण फैल रहा प्रदूषण-अनुसूचित जाति के प्रदेश मीडिया प्रभारी अनिल खोब्रागड़े नें कहा कि पर्यावरण दिवस मनाने का उद्देश्य विश्व में पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करना है क्योकि मनुष्य भी प्रकृति और पर्यावरण का हिस्सा है। मानवीय मूल के कारण वर्तमान में दिन प्रतिदिन प्रदुषण फैल रहा है, जिससे सारी प्रकृति प्रदुषित होती जा रही है और इसका असर गलोबल वार्मिंग पर पडनें लगा है।    उन्होंने कहा कि धरती पर मानव नें अपने स्वार्थ को साधने के लिए पेड़े, पौधे व जंगलों को काफी नुकसान पहुंचाया है। हम पेड़ों को लगानें में कम और अपनी जरुरतों के लिए उसे काटने में ज्यादा ध्यान देते हैं। जिससे अनेक जंगल मैदान का रूप ले रहे हैं, जिसका सीधा दुष्प्रभाव हमें हमारी आने वाली पीढी को भुगतना पड सकता है, इसलिए हम सभी को चाहिए कि हम ज्यादा से ज्यादा पौधे लगायें और उनका संरक्षण करें, तभी हम अपने आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ वातावरण दें पायेंगे।


 

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