बलरामपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजपुर, 6 जून। परसवार में रेत खुदाई को लेकर संसदीय सचिव व सामरी विधायक एवं कांग्रेस जिला अध्यक्ष आमने-सामने आ गए हैं। दोनों ही नेता कांग्रेस पार्टी के होने के बावजूद एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने प्रारंभ कर दिए हैं।
पिछले दिनों परसवार में ग्रामीणों की शिकायत पर सामरी विधायक व संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज ने क्षेत्र का दौरा किया था, जहां ग्रामीणों ने रेत के अवैध उत्खनन शिकायत की थी जिसके बाद विधायक ने तत्काल अधिकारियों को निर्देश देते हुए अवैध रेत उत्खनन को बंद कर आया था। जिसके बाद संसदीय सचिव व क्षेत्रीय विधायक चिंतामणि महराज पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेन्द्र तिवारी ने विकासखंड राजपुर के परसवार में संचालित अवैध रेत खदान को वैध बताते हुए क्षेत्रीय विधायक पर दंबगई करके बंद कराने का आरोप लगाने के साथ संसदीय सचिव के ऊपर संग़ठन के पदाधिकारियों के उपेक्षा का आरोप लगाया था।
इस आरोप के बाद विधायक चिंतामणि महाराज ने लोक निर्माण विभाग राजपुर के विश्राम गृह में प्रेस वार्ता करते हुए कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेन्द्र तिवारी के द्वारा लगाए आरोप को बेबुनियाद बताया और कहा कि राजेन्द्र तिवारी अवैध रेत उत्खन्न करने वालों से पैसों का लेनदेन करके किसी प्रकार का कोई सेटिंग कर लिए है। मुझे तो प्रेस व सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली कि अवैध रेत उत्खनन करने वाले के विरोध पर दबंगई करके स्थानीय ग्रामीणों को डराने की कोशिश कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि परसवार के ग्रामीणों के सूचना पर महान नदी पर प्रशासनिक अमला के साथ पहुँचा था, जहाँ राजस्व व खनिज विभाग ने रेत खदान को अवैध बताते हुए लगभग बीस हजार वर्ग फिट रेत की जब्ती बनाया था।
विधायक चिंतामणि महराज ने यह भी बताया कि रेत खदान के लिए निविदा निकाली गई थी और रेत खदान ग्राम बादा निवासी घूरन राम को आबंटित भी हुआ है। लेकिन रेत खनन करने की पर्यवारण व अन्य तकनीकी कमी की वजह से अनुमति अभी नहीं मिली है। साथ ही परसवार के खसरा क्रमांक 188 रकबा 0.672 पर वैध रेत खदान से रेत निकलकर भंडारण करने की अनुमति परसागुड़ी निवासी उदय कुमार शर्मा के नाम से मिली है, लेकिन जब परसवार महान नदी से रेत उत्खनन की अनुमति ही नहीं मिली तो परसवार महान नदी से निकाले गए रेत व रेत खदान वैध होने का सवाल ही नहीं उठता है।
सत्ता और संग़ठन के मतभेद पर चिंतामणि ने कहा कि मतभेद नहीं मनभेद है और संग़ठन तो सिर्फ और सिर्फ परिवारवाद बन कर रह गया है। उन्होंने कहा कि मैं जब भी राजपुर आता हूँ मेरे से मिलने क्षेत्र के जनप्रतिनिधि व ग्रामीण अपनी समस्या लेकर आते हैं, उन्हें कैसे मेरे आने की सूचना मिल जाती है।
राजेन्द तिवारी जिले में संग़ठन के मुखिया है लेकिन मुखिया जैसे रहते तो आज ऐसी स्थिति निर्मित नहीं होती, पार्टी के कार्यकर्ता क्या ऐसा ही दिन देखने के लिए हंै।
परिवारवाद के संबंध में कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेंद्र तिवारी ने कहा कि मेरे पुत्र विधानसभा सामरी के अध्यक्ष पद चुनाव जीतकर बना है एवं जनपद सदस्य भी चुनाव में भाजपा के जिलाध्यक्ष को हराकर बना है. उसको हक है कि वह राजनीति करें। उन्होंने कहा कि संगठन की बदौलत वे विधायक के पद पर हैं। विधायक को संगठन को लेकर चलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दबंगई का अर्थ मेरा यह नहीं है कि लाठी डंडा चलाना। उन्होंने कहा कि कोई भी कार्यक्रम में संगठन के किसी भी कार्यकर्ता को नहीं पूछा जाता है। उन्होंने कहा कि विधायक सबके होते हैं, उनको संगठन के सभी कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलना चाहिए।
उन्होंने परसवार में रेत खनन के मामले में कहा कि यदि अवैध रूप से रेत खनन हो रहा था तो इसकी कार्रवाई पहले क्यों नहीं की गई, इतनी बड़ी मात्रा में क्यों रेत खनन हुआ। समय-समय पर अन्य जगह से भी रेत खनन के कई मामले सामने आते रहे हैं यदि समय रहते इस रेत खदान पर कार्रवाई हो जाती तो यह बात ही नहीं उठता।