राजनांदगांव
अनुकंपा नियुक्ति की तीव्रगति को बताया लोकहित में भूपेश सरकार की नीति और निर्णय का प्रतिफल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 7 जून। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन ने शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति प्रकरणों के तीव्र निराकरण गति को लोकहित में भूपेश सरकार की नीति और निर्णय का प्रतिफल बताया।
प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी एवं प्रांतीय महामंत्री सतीश ब्यौहरे का कहना है कि दिवंगत शिक्षकों के बेसहारा परिवार को सरकार ने सहारा दिया है। सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति में 10 प्रतिशत सीलिंग को शिथिल करने का फैसला लिया था। इसी फैसले ने दिवंगत शिक्षकों के बेसहारा परिवारों की तकदीर को बदल दिया है। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के 500 से अधिक पुराने प्रकरण वर्षों से लंबित थे। वहीं कोरोना संक्रमण के कारण 411 से अधिक शिक्षक दिवंगत हुए थे और कोरोना महामारी ने शिक्षकों को सर्वाधिक निशाना बनाया था, जो कि एक गंभीर चिंता का विषय था।
उन्होंने बताया कि फेडरेशन ने 697 दिवंगत शिक्षकों के परिवार के आश्रितों को शिक्षा विभाग द्वारा सीमित समय में अनुकंपा नियुक्ति आदेश जारी करने पर संतोष व्यक्त किया है। फेडरेशन का कहना है कि सरकार ने दिवंगत शिक्षक के परिवार के आश्रित सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति सांत्वना स्वरूप दिया है जो कि सीधी भर्ती (रिक्रूटमेंट) के प्रक्रियांतर्गत नहीं होता है।
अत: अनुकंपा नियुक्ति को परिवीक्षा अवधि में दिया जाना अनुचित है। फेडरेशन का कहना है कि छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना 28 जुलाई 2020 द्वारा परिवीक्षा अवधि 2 वर्ष को संशोधित कर 3 वर्ष किया है। छत्तीसगढ़ शासन वित्त विभाग के अधिसूचना 28 जुलाई 2020 के द्वारा छत्तीसगढ़ मूलभूत नियम 22 सी (1) के स्थान पर सीधी भर्ती के पदों पर चयनित शासकीय सेवकों के लिए 3 वर्ष परिवीक्षा अवधि के दौरान उस पद के वेतनमान के न्यूनतम का प्रथम वर्ष में 70 प्रतिशत, द्वितीय वर्ष में 80 प्रतिशत तथा तृतीय वर्ष में 90 प्रतिशत स्टाइपेंड देने का प्रावधान प्रतिस्थापित किया गया है।
फेडरेशन का कहना है कि अनुकंपा नियुक्ति, किसी प्रतियोगी परीक्षा, चयन अथवा साक्षात्कार द्वारा नहीं होता है। किसी चयन समिति द्वारा अभ्यर्थियों के सूची की अनुशंसा अथवा मेरिट के आधार पर चयन नहीं होता है। आरक्षण रोस्टर भी लागू नहीं होता है, जब अनुकंपा नियुक्ति में सीधी भर्ती की नियमित पद्धति लागू ही नहीं होती है तो सीधी भर्ती के लिए प्रभावशील परिवीक्षा अवधि की शर्त बंधनकारी नहीं होनी चाहिए। फेडरेशन ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इस मामले को संज्ञान में लेकर न्याय करने का अनुरोध किया है।
छग प्रदेश शिक्षक फेडरेशन राजनांदगांव के जिला अध्यक्ष मुकुल साव, जिला महामंत्री पीआर झाडे, सदस्य बृजभान सिन्हा, एफआर वर्मा, वायडी साहू, जनक तिवारी, संजीव मिश्रा, भूषणलाल साव, रंजीत सिंह कुंजाम, जितेन्द्र बघेल, संगीता ब्यौहरे, नीलू झाड़े, सीमा तरार, अभिशिक्ता फंदियाल, मालती टंडन, सीएल चंद्रवंशी, देवचंद बंजारे, शिवप्रसाद जोशी, ईश्वर टंडन, अब्दुल कलीम खान, सोहन निषाद, मुकेश शुक्ला, एचके सोनसारवां, बीके गुप्ता एवं साथियों ने भी प्रांतीय पदाधिकारियों के इस अनुरोध का समर्थन किया है और अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों में सीधी भर्ती के लिए प्रभावशील परिवीक्षा अवधि एवं स्टाईपेंड की शर्तों को बंधनकारी नहीं करने की मांग की है।