दन्तेवाड़ा

मुठभेड़ के एक हफ्ते बाद परिजनों-ग्रामीणों ने बताया फर्जी, पुलिस पर कई आरोप भी लगाए गए
08-Jun-2021 4:19 PM
 मुठभेड़ के एक हफ्ते बाद परिजनों-ग्रामीणों ने बताया फर्जी, पुलिस पर कई आरोप भी लगाए गए

 पायके नक्सली थी-एसपी
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
दंतेवाड़ा, 8 जून। 
गीदम थाना अंतर्गत मोफलनार के जंगलों में जिला आरक्षी बल के दल द्वारा महिला नक्सली लीडर पायके वेको को ढेर कर दिया गया था। उक्त घटना के 1 सप्ताह बाद मृतका नक्सली लीडर के परिजनों द्वारा पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। वहीं मुठभेड़ को फर्जी बताया। दूसरी ओर पुलिस ने आरोप को निराधार बताया है। 

उल्लेखनीय है कि उक्त नक्सली लीडर के परिजनों द्वारा पुलिस पर आरोप लगाया गया था कि जिला आरक्षी बल के जवानों द्वारा पायके वेको को उसके घर से गिरफ्तार किया गया था। इसके उपरांत उसका बलात्कार किया गया था, वहीं उसके अंग भी काटे गये थे। इस तरह से मोफलनार में हुई पुलिस नक्सली मुठभेड़ को फर्जी बताया।

परिजनों के इस आरोप पर पुलिस अधीक्षक दंतेवाड़ा डॉ.अभिषेक पल्लव ने 'छत्तीसगढ़Ó को बताया कि पायके वेको प्रमाणित नक्सली थी। उसके खिलाफ पुलिस में नामजद अपराध दर्ज थे। इसके साथ ही दूसरा आरोप भी बेबुनियाद है। इसमें कहा गया है कि उसे घर से गिरफ्तार किया गया था, जबकि उक्त नक्सली 2020 से मोफलनार स्थित घर में नहीं रह रही थी। इसके बावजूद उक्त आरोप सरासर गलत है। 

श्री पल्लव ने आगे कहा कि पायके की पोस्टमार्टम डॉक्टरों की समिति द्वारा की गई थी। जिसमें पुलिस का कोई भी हस्तक्षेप नहीं होता है। उक्त नक्सली की पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई गई थी। इसका निरीक्षण कोई भी कर सकता है। उक्त आरोप पुलिस के मनोबल को तोडऩे की साजिश का हिस्सा है। नक्सली इस समय किसी बड़ी वारदात को अंजाम नहीं दे पा रहे हैं। इसके चलते आरोप लगाया गया है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि ग्रामीणों द्वारा विलंब से  पुलिस पर आरोप लगाने की पृष्ठभूमि में नक्सली दबाव है। इसके साथ ही नक्सली बौखलाहट का भी परिचायक है।

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