दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 10 जून। कोरोना मुक्त गांव, कोरोना मुक्त भारत के परिदृष्टि को ध्यान में रखते हुए राजेश श्रीवास्तव जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के मार्गदर्शन एवं निर्देशन पर ग्राम सेवा समिति, कल्याणी नशा मुक्ति केन्द्र के संयुक्त संयोजन से एक दिवसीय वेबीनार का आयोजन दोपहर 12 बजे आयोजित किया गया।
राहुल शर्मा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग ने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य कोरोना वायरस से बचाव एवं ‘वैक्सीनेशन’ के प्रति ग्रामीण स्तर के जनमानस में उदासीनता को ध्यान में रखा गया है तथा वैक्सीनेशन के प्रति जनमानस में फेल रही अफवाओं को दूर करना है तथा टीकाकरण के लिए जागरूक किया जाना मुख्य उद्देश्य है। कोरोना वायरस के बचाव के लिए शासन के द्वारा जारी निर्देेशों का पालन करना तथा वैक्सीनेशन के दोनोंं डोज समय पर लगवाये जाने हेतु ग्रामीणों को जागरूकता किया जाना है। जिसके लिए आज वर्चुवल माध्यम से पैरालीगल वालिंटियर के साथ-साथ अन्य लोगों को जागरूक किया गया तथा उन्हें आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को वैक्सीनेशन लगवाने जाने हेतु पे्ररित किया जाना, फैल रही अफवाओं को दूर किया जाना, बतलाया गया। वैक्सीनेशन लगवाये जाने के उपरांत ही हम कोरोना से मुक्त भारत की कल्पना कर सकते है।
डॉ. प्रियंका वर्मा डिप्टी कलेक्टर दुर्ग , जिले की कोरोना प्रोटोकाल अधिकारी भी हैं, ने बताया कि दुर्ग कोरोना काल के शुरूआती दिनों में छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा प्रभावी जिला था, परंतु शासन की सक्रियता एवं लोगों की जागरूकता से आज दुर्ग में नाम मात्र के कोरोना पेशेंट पाए जा रहे हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. आरके पालीवाल ने बताया कि उनका लक्ष्य मध्य प्रदेश की ही तरह छत्तीसगढ़ को रोल माडल के रूप में उभारते हुए कोरोना मुक्त गांव एवं कोरोना मुक्त भारत का सपना पूरा हो सकता है। किसी भी व्यक्ति को कोविड उन लोगों से हो सकता है जिनमें इस वायरस का संक्रमण पहले से है। जब कोविड से संक्रमित व्यक्ति खांसता-छीकता है या सांस छोड़ता है तो उसके नाक या मुंह से निकली छोटी बूंदों से यह रोग दूसरे में फेल सकता है। ये बेहद नन्ही बूंदें उस व्यक्ति के आस-पास की दूसरी चीजों और सतहों पर भी गिर सकती है। इसलिए सावधानी से रहना आवश्यक है।
कल्याण संस्था के संचालक अजय कल्याणी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए लोगों को मास्क पहनना एवं सेनीटाइजर का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करने का सलाह दिया गया। डॉ. सुरेश गर्ग ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी लाकडाउन खुल चुके हैं, ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाना अति आवश्यक है क्योंकि कोरोनावायरस अभी पूर्ण रुप से खत्म नहीं हुई।
उन्होंने यह भी बताया कि पहला वैक्सीनेशन लगाने के बाद लोगों को ज्यादा जागरूक एवं सावधानी से रहना चाहिए। एक दिवसीय वर्चुवल वेबीनार में राहूल शर्मा, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग, डिप्टी कलेक्टर डॉ. प्रियंका वर्मा, डॉ. सुरेश गर्ग, डॉ. आर के पालीवाल, अजय कल्याणी सहित 110 लोग सम्मिलित हुए।